गुजरात का आंदाेलन आरक्षण के खिलाफ माहौल बनाने की कवायद : अरुंधति
प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति राय ने कहा कि गुजरात में पटेल समुदाय की तरफ से आरक्षण के लिए किया जा रहा अांदोलन वास्तव में देश के अंदर आरक्षण के विरुद्ध माहौल बनाने की कवायद है। यह आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाने की कोश्ािश है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति राय ने कहा कि गुजरात में पटेल समुदाय की तरफ से आरक्षण के लिए किया जा रहा अांदोलन वास्तव में देश के अंदर आरक्षण के विरुद्ध माहौल बनाने की कवायद है। यह आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाने की कोश्ािश है। उन्हाेंने कहा कि आरक्षण होने के बावजूद दलितों के साथ बेइंसाफी हो रही है।
अरुंधति राय रविवार को लेखक पाश के जन्म दिन को समर्पित पाश यादगारी राष्ट्रीय ट्रस्ट की तरफ से देशभगत यादगार हाल में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। अरुंधति राय ने कहा कि देश के अंदर जो दलितों को आरक्षण दिया गया है, वह एक सामाजिक मसला भी है, क्योंकि अगर उस समय इसका प्रबंध न किया जाता तो दलितों को बराबरी का हक नहीं मिलना था।
उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग मौजूदा आर्थिक हालातों में सबसे ज्यादा पिस रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर जितने भी आंदोलन किए जाते हैैं, उस बारे लोगों को पता होना चाहिए कि मांगना क्या है।
अन्ना हजारे के आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब शुरू हुआ था, जब 2जी घोटाले से कार्पोरेट जगत फंसा हुआ था, लेकिन अन्ना आंदोलन से इससे ध्यान ही हट गया।
फिल्मों से गरीबी गायब, दिखाई जा रही अमीरी
उन्होंने कहा कि 70 के दशक में फिल्मों में गरीब दिखाया जाता था, कभी उसे ट्रेड यूनियन से जुड़ा बताया जाता था, जो मंत्रियों से लड़ाई लड़ता है, लेकिन अब फिल्म और सीरियल से गरीबी दिखाई ही नहीं जाती। अब तो हीरो हेलीकॉप्टर से उतरता है। हालांकि गरीबी खत्म तो नहीं हो गई है। अमीरी दिखा कर लोगों की मानसिकता बदली जा रही है। देश के भीतर एक समुदाय की तरफ से दूसरे को आतंकवादी बताया जा रहा है। फिल्मों में एक समुदाय विशेष से संबंधित किरदार को आतंकवादी अथवा देशद्रोही बताया जा रहा है।