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अपने दम पर मुकाम तक पहुंची बीबी जगीर कौर, बोलीं- राष्ट्रीय सिख संगत को SGPC चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की नवनियुक्त प्रधान बीबी जगीर कौर (Bibi Jagir Kaur) इससे पहले भी प्रधान पद पर रह चुकी हैं। चुनाव जीतने के बाद बीबी जागीर कौर ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 03:19 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 03:19 PM (IST)
अपने दम पर मुकाम तक पहुंची बीबी जगीर कौर, बोलीं- राष्ट्रीय सिख संगत को SGPC चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं
अमृतसर में चुनाव प्रक्रिया के दौरान बीबी जगीर कौर। जागरण

कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। 1991 में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर से अपने सियासी सफर की शुरुआत करने वाली बीबी जगीर कौर को अपने राजनीतिक जीवन में अनेक उतार चढ़ावोंं का सामना करना पड़ा, लेकिन वह हमेशा तमाम मुश्किलों का डटकर सामना करते हुए दृढ़ इरादों आगे बढ़ती रहीं और सफलता हासिल की। तीसरी बार एसजीपीसी प्रधान बनने के बाद बीबी जागीर कौर ने विशेष बातचीत में खुलकर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। 

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व्यक्तिगत जीवन में हुए विवादों पर बीबी जागीर कौर ने कहा कि वो दर्द बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस पीड़ा को हर पल झेला है, लेकिन कभी जुबां पर नहीं आने दिया। 40-42 साल की उम्र हर इंसान की जिंदगी का गोल्डन पीरियड होता है। उस समय वह बुलंदियों व तरक्की के शिखर को छूता है, लेकिन उनका घर उजड़ गया। सब-कुछ तबाह हो गया। परमात्मा का सहारा न होता तो शायद कब की मर जाती। इलाके के लोगों ने बहुत प्यार दिया, जिनकी देनदारी नहीं दे सकी। पार्टी प्रधान व अन्य नेताओं ने मुझ पर पूरा विश्वास जताया। हमेशा इज्जत व सम्मान दिया। पार्टी व एसजीपीसी का मकसद सिख धर्म के प्रचार को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना है। विरोधी क्या कहते हैं, इसकी कोई ङ्क्षचता नहीं। इमानदारी से अपना काम करती रहूंगी।

जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रीय सिख संगत ने भी एसजीपीसी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इसे कैसे देखती हैं तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सिख संगत को एसजीपीसी चुनाव लड़़ने का अधिकार ही नहीं है। न वह अमृतधारी सिख हैं और न कौम की मर्यादा को मानते हैं। मनमर्जीं करने वालों का सिख कौम के मामलों व गुरुद्वारा प्रबंधन में दखल कौम कभी सहन नहीं करेगी। पंथ की सेवा करना चाहती हूं। किसी से टकराव करना मेरा मकसद नहीं है।

पावन स्वरूपों के मामले में एसजीपीसी की कार्यप्रणाली पर उठे सवालों पर बीबी जागीर कौर ने कहा कि इस पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने पहले ही साफ कर दिया है कि मर्यादाओं का कोई उल्लंघन नहीं हुआ, बल्कि पावन स्वरूप संगत को ही दिए गए हैं। एसजीपीसी कुर्बानियों के बाद अस्तित्व में आई थी, उसे सुधारने के लिए तत्पर हूं। एसजीपीसी के कार्य में पारदर्शिता लाई जाएगी।

रेफरेंडम 2020 और खालिस्तान की मांग को लेकर अपने स्टैंड के बारे में जागीर कौर ने कहा कि पंजाब की जनता का इस रेफरेंडम को कोई समर्थन नहीं है। खालिस्तान की मांग भी कतई तर्कसंगत नहीं है। बेअदबी के मामलों का अभी तक कोई हल नहीं निकला है। इस विवाद को कैसे सुलझाएंगी? इस पर बीबी जागीर कौर ने कहा कि बेअदबी के मामले से पूरी सिख संगत आहत है। इसको लेकर मैं भी फिक्रमंद हूं। बेअदबी के आरोपितों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए एसजीपीसी हमेशा प्रयासरत रहेगी।


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