मेयर सुनील ज्योति के अंतिम बजट में वाटर ट्रीटमेंट व सड़कों पर जोर
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के वर्तमान मेयर सुनीत ज्योति अपने कार्यकाल का अंतिम बजट आगामी 31
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के वर्तमान मेयर सुनीत ज्योति अपने कार्यकाल का अंतिम बजट आगामी 31 मार्च तक पेश करने जा रहे हैं। वर्ष 2017-18 के लिए तैयार 575 करोड़ रुपये के इस बजट में ज्यादा फोकस फोलड़ीवाल ट्रीटमेंट प्लांट और सड़कों पर रहेगा। हालांकि, यह बजट 30 को हाउस मीटिंग में पेश किया जाएगा या 31 को, इस पर अभी संशय बरकरार है।
सोमवार को आखिरी बजट मीटिंग का ड्राफ्ट फाइनल करने के लिए मेयर सुनील ज्योति ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। मीटिंग में रेवेन्यू और संबंधित लक्ष्यों पर भी चर्चा की गई। इस वर्ष निगम को 334 करोड़ की आमदनी की उम्मीद है। साथ ही केंद्र सरकार से भी अमरूत योजना के तहत पौने दो सौ करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान समेत अन्य योजनाओं के तहत भी ग्रांट मिलनी है। पिछले साल के बचे हुए करीब 41 करोड़ रुपये भी इसमें शामिल होंगे। इन सभी को मिलाकर ही बजट तैयार किया जा रहा है।
केंद्र की अमरूत योजना के तहत मिलने वाले करोड़ों रुपये में से करीब सौ करोड़ रुपये फोलड़ीवाल ट्रीटमेंट प्लांट पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा नए ट्यूबवेल और सड़कों पर भी खर्च किया जाएगा। बैठक में निगम कमिश्नर, जीएस खैहरा, ज्वाइंट कमिश्नर जयइंदर सिंह, एसई लखविंदर सिंह, एसई राजकुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में नहीं बुलाने से डिप्टी मेयर खफा
डिप्टी मेयर अरविंदर कौर ओबरॉय ने कहा कि मेयर डिक्टेटर हो गए हैं। वे अपनी मनमानी कर रहे हैं। अफसरों के साथ अकेले ही बैठक कर सारा एजेंडा खुद ही तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेयर को एजेंडा तैयार करने से पहले डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर की भी राय लेनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
बजट नगर निगम के अफसरों को तैयार करना होता है, मुझे नहीं। यह बैठक सिर्फ अफसरों से बजट पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई थी, इसलिए अन्य किसी को बुलाने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। बजट 30 या 31 मार्च को हाउस में पेश किया जाएगा तब उस पर चर्चा होगी।
सुनील ज्योति, मेयर।
मेयर को बजट का एजेंडा तैयार करने से पहले सभी जनप्रतिनिधियों की राय लेनी चाहिए थी। इसमें विपक्ष को भी शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन मेयर अपनी मनमानी कर रहे हैं। उन्हें जनहित से कोई सरोकार नहीं है।
जगदीश राजा, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम।