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7,8) मीडिया में भाषा की शुद्धता होना जरूरी : डॉ. भनावत

जागरण संवाददाता, जालंधर : मीडिया का काम केवल सैद्धांतिक नहीं है बल्कि साधनात्मक भी है। मीडिया को कल्

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 10:01 PM (IST)
7,8) मीडिया में भाषा की शुद्धता होना जरूरी : डॉ. भनावत

जागरण संवाददाता, जालंधर : मीडिया का काम केवल सैद्धांतिक नहीं है बल्कि साधनात्मक भी है। मीडिया को कल्पना शक्ति, सृजनात्मक वृत्ति, क्षमता, सोच व चिन्तन पर आधारित कार्य कर मौजूदा दौर की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। उक्त विचार जयपुर यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ मास कम्युनिकेशन विभाग के हेड प्रो. संजीव भनावत ने एचएमवी कॉलेज में आयोजित 'जर्नलिज्म : गैप्स बिटवीन थ्योरेटिकल एवं प्रेक्टीकल एप्रोचेस' में बतौर वक्ता व्यक्त किए।

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डॉ. भनावत ने कहा कि भाषा की शुद्धता होना बहुत जरूरी है। मीडिया में अनावश्यक शब्दों का प्रयोग हो रहा है। जैसे मीडिया में लिखा जाता है कि सचिन के जीवन में चार चीजें महत्वपूर्ण है। यह अनावश्यक भाषा का प्रयोग है। वायु, वस्त्र, वाहन, वाणी। यह व्यक्ति के लिए जरूरी हैं। मीडिया का कोर्स करवाने वाले शिक्षकों के लिए ओ¨रएटेंशन प्रोग्राम जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों के मीडिया ग्रुप में जाकर इटर्नशिप करने पर जोर दिया।

सेमिनार का उद्घाटन दूरदर्शन केंद्र जालंधर के डायरेक्टर ओम गौरी दत्त शर्मा, प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने करते हुए कहा कि आधुनिक युग में मीडिया की अहम भूमिका व महत्व है। मीडिया का यह परम कर्तव्य है कि वह सिद्धांत व व्यवहार के अंतराल को समाप्त कर बिना किसी पक्षपात के जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं। आजकल मीडिया में बाजारवाद का दखल बढ़ा है। छह मिनट के प्रोग्राम में आधा घटा विज्ञापन चलते है। मीडिया को जानकारी देने एवं पैसा कमाने में एक संतुलन बनाए रखना अत्यन्त आवश्यक है।

प्रेक्टीकल पर अधिक जोर दें

फोटो:4जेपीजी

बाबूशाहीडाटकॉम से बलजीत बल्ली ने बताया कि जर्नलिज्म में थ्यूरी व प्रेक्टीकल का सुमेल होना जरूरी है। शिक्षण संस्थाओं का मीडिया ग्रुप के साथ टाइअप होना चाहिए। टाइअप न होने की वजह से भाषा की पकड़ कमजोर हो रही है। प्रिंट मीडिया में युवा की रुचि कम होने की वजह सैलरी कम होना है। भाषा की शुद्धता व मीडिया के अनेक प्रकार, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, आनलाईन मीडिया का विवरण देते हुए उन्होंने मीडिया में प्रदूषण की बात की।

लेखन कला पर उचित पक्ष हो

फोटो:6जेपीजी

न्यूज एंकर राधा साहनी ने बताया कि मीडिया को चाहिए कि लेखन-कला के आधार पर खबरों का उचित व संवेदनात्मक पक्ष ही प्रस्तुत करे और सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे।

र डर को भाषा समझ आए

फोटो : 5 जेपीजी

एचएमवी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन की अध्यक्ष प्रो. रमा शर्मा ने कहा कि जर्नलिज्म में भाषा की शुद्धता होनी जरूरी है ताकि रीडर को आसानी से भाषा समझ आ सके।

मीडिया को संवेदनशील होना चाहिए

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डीएवी यूनिवर्सिटी जर्नलिज्म विभाग के अध्यक्ष डॉ. केके रत्तु ने कहा कि मीडिया को संवेदनशील होना चाहिए। मीडिया को लोक भाषा व लोक व्यवहार के साथ जुड़ना होगा, तब ही मीडिया की भाषा शुद्ध होगी।


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