आज 52 वर्ष पूरे करेगी भाविप
शाम सहगल, जालंधर वर्ष 1963 में 10 जुलाई को डॉ. सूर्य प्रकाश ने भारत विकास परिषद के नाम से सामाजिक
शाम सहगल, जालंधर
वर्ष 1963 में 10 जुलाई को डॉ. सूर्य प्रकाश ने भारत विकास परिषद के नाम से सामाजिक संस्था का गठन किया था। संस्था का उद्देश्य बच्चों को अच्छे संस्कार देने के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में सहयोग करने तथा जरूरतमंदों की सेवा करना था। उद्देश्य अच्छा तो लोग जुड़ते गए व काफिला बनता गया। परिणाम यह है कि इस समय देशभर में 1200 के करीब शाखाएं कार्य कर रही हैं, जिनका विस्तार जारी है। भाविप की तरफ से शुक्रवार को भारत विकास भवन, मंडी रोड में समारोह का आयोजन होगा, जिसमें सुबह 7 बजे हवन यज्ञ होगा। इसके बाद संस्था के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भाविप के कार्यो की समीक्षा करेंगे।
पांच गुण हैं संस्था के मूलमंत्र
भारत विकास परिषद के पांच गुण मूलमंत्र हैं। इसमें संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा व समर्पण को शामिल किया गया है। संस्था के प्रदेश अधिकारी जीडी कुन्द्रा बताते हैं कि संपर्क का अर्थ अधिक से अधिक लोगों से जुड़ना व उनकी विचारधारा को जानना है।
संस्था के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े सदस्य
भारत विकास परिषद के पदाधिकारी डॉ. अनिल कालिया बताते हैं कि जो भी इंसान इन पांच गुणों को अपना लेता है वह संस्था के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है। उन्होंने कहा कि जो सदस्य संस्था के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता है, वह कभी भी संस्था को छोड़ता नहीं है।
शुद्ध रूप से भारतीय संस्था
इस बारे में भाविप उत्तर भारत के विवेक शर्मा, सर्वेश शर्मा व रमेश विज बताते है कि देश में कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वयं सेवी संस्थाएं सेवाएं दे रही हैं, जिनके मुख्य हाउस विदेशों में हैं। वहीं, भारत विकास परिषद का संचालन देश में ही होता है। यहीं कारण है कि इसमें संस्कार व सहयोग को खास स्थान दिया जाता है।
नियमित प्रोजेक्ट भी है खास
भारत विकास परिषद की ओर से भारत को जानो प्रतियोगिता, गुरु वंदन छात्र अभिनन्दन, बाल व युवा संस्कार, राष्ट्रीय ग्रुप संगीत प्रतियोगिता, गुरु तेग बहादुर का बलिदान दिवस मनाने के अलावा लुधियाना में नियमित प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसमें जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग लगाए जाते हैं। वहीं, चंडीगढ़ में नि:शुल्क मेडिकल संस्थान चलाया जा रहा है।