जिमखाना में उठने लगी एजीएम की मांग, माहौल गर्म
जागरण संवाददाता, जालंधर जिमखाना क्लब की गर्म हो चुकी सियासत रविवार को एक और तड़का लग गया है। अब क्ल
जागरण संवाददाता, जालंधर
जिमखाना क्लब की गर्म हो चुकी सियासत रविवार को एक और तड़का लग गया है। अब क्लब में एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) बुलाने की मांग उठने लगी है। जिमखाना क्लब में को-आप्ट हुए मेंबरों व गठित हुई कमेटियों के मसले को क्लब के सीनियर मेंबर एजीएम में ले जाना चाहते हैं। दरअसल साल 1997 में तत्कालीन अध्यक्ष बीके श्रीवास्तव के कार्यकाल में हुई एक एजीएम के फैसले के मुताबिक जिमखाना क्लब में को-आप्शन गलत है। इस लिहाज से जिमखाना क्लब की एग्जीक्यूटिव में फिलहाल जितने भी मेंबर नई कार्यकारिणी के गठन के बाद शामिल किए गए हैं, वह सभी गलत हैं। इसके अलावा जो कमेटियां भी बनाई गई हैं, वह भी गलत हैं। यदि यह बात सही निकली तो जिमखाना क्लब में गठित हुई कमेटियां भंग भी हो सकती हैं। क्लब के सीनियर मेंबरों की एक लॉबी इस मुद्दे को आगे बढ़ा रही है, ताकि जल्द ही एजीएम के लिए आम राय बन सके। क्लब में आजकल जो कुछ भी हो रहा है, उन सब विषयों पर एजीएम में चर्चा की मांग उठ रही है। फिलहाल मेंबर अपने स्तर पर ही इस पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही क्लब मैनेजमेंट के पास लिखित में एजीएम की मांग पहुंच सकती है। उधर, पूर्व कैशियर नरिंदर शेरगिल को क्लब की कार्यकारिणी में वापस लाने के मसले पर तीसरे दिन भी सियासत जारी रही। एग्जीक्यूटिव मेंबरों के घर जाकर उन्हें साइन करने पर हड़काने वाले पदाधिकारी ने रविवार को दिनभर इस मुद्दे पर लॉबिंग की। कुछेक मेंबरों के साथ एक खुफिया मीटिंग भी हुई, जिसमें शेरगिल के समर्थन में किए गए हस्ताक्षर वापस लेने को कहा गया। वहीं शेरगिल समर्थक भी रविवार को सक्रिय रहे। उन्होंने शेरगिल के कार्यो व प्रोफाइल का प्रचार करते हुए एग्जीक्यूटिव मेंबरों से उन्हें वापस लाने के लिए हस्ताक्षर करने की अपील की।