पंजाब सरकार को चेतावनी
संवाद सहयोगी, जालंधर
पंजाबभर में स्थानीय निकायों के अधीन काम करते अध्यापकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने के सरकारी फैसले के विरोध में स्कूलों व अध्यापकों में असमंजस वाली स्थिति पैदा हो गई है। इस संबंध में ईटीटी अध्यापक यूनियन के पंजाब प्रधान जगसीर सिंह सहोता व नगर कौंसिल अध्यापक यूनियन के प्रधान जसवीर सिंह सैणी ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि सरकारी फैसले पर कई तरह के मतभेद होने के कारण जत्थेबंदी द्वारा पंजाब की सभी अध्यापक जत्थेबंदियों को संविधान के 73वें, 74वें संशोधन, स्कूलों व शिक्षा विभाग में वापसी, अध्यापकों की सैलरी बारे भी विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था। मीटिंग में फैसला लिया गया कि अगर सरकार ने स्कूल वापसी, अन-एडिड ग्रांट रद करके शिक्षा विभाग की सैलरी हैड 22201-01 में सैलरी के संबंध में फैसला न किया तो सरकार के विरुद्ध बड़े स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर जनरल सेक्रेटरी अजीब त्रिवेदी, दविंदर सिंह राहिल, जसविंदर सिंह जहांगीर, लाल सिंह, मनोज घई, रणजीत सिंह, सुरिंदर सिंह, जीत जतिंदर सिंह, जसवीर सिंह, हरबंस पप्पा, राजेश बब्बी, परमिंदर सिंह, चरणजीत सिंह, गुरजंट सिंह व अन्य यूनियन के सदस्य मौजूद थे।