बिजली की कमी का हल हाइड्रो-इलेक्टिक प्रोजेक्ट
संवाद सहयोगी, जालंधर
साईंदास सीनियर सेकेंडरी स्कूल पटेल चौक में आयोजित तीन दिवसीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में बिजली की किल्लत से निपटने के लिए हाईड्रो-इलेक्ट्रीसिटी मॉडल आकर्षण का केंद्र रहा। इसके तहत बताया गया कि बिजली की कमी से जूझ रहे लोग गांव में हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। बाढ़ वाली जगह में ऐसे प्रोजेक्ट शुरू कर बिजली पैदा कर सकते हैं। सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी, भोगपुर की छात्र रुपिंदर कौर से जब पूछा गया कि उसने इसी मॉडल को क्यों बनाया तो जवाब था कि पंजाब में बिजली की कमी से लोग परेशान रहते हैं।
नेशनल काउंसिल फार साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सौजन्य से जिला स्तर पर शिक्षा विभाग द्वारा करवाई गई इस प्रदर्शनी में सरकारी, एडेड, सीबीएसई के अंतर्गत स्कूलों के विद्यार्थियों के 214 मॉडल प्रदर्शित किए गए। इंस्पायर अवार्ड में प्रदूषण, सोलर सिस्टम से चलने वाली गाड़ी, पर्यावरण की संभाल, बिजली बचत, आर्गेनिक खेती के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे। प्रदर्शनी को देखने के लिए जालंधर मॉडल स्कूल के विद्यार्थी पहुंचे। न्यू सेंट सोल्जर स्कूल की विद्यार्थी प्रीति का प्रोडक्शन ऑफ इलेक्ट्रीसिटी बाय रोड प्रेशर का मॉडल देखने के लिए विद्यार्थी उमड़े।
मानसिक प्रदूषण रोकने से रुकेगा पर्यावरण प्रदूषण
सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भार्गव कैंप की विद्यार्थी सिमरन द्वारा बनाए गए मॉडल में प्रदूषण की किस्में बताई गईं। इंडस्ट्री का धुआं, गाड़ियों का धुआं, सीवरेज गंदगी व अन्य कारण पर्यावरण के लिए हानिकारक बताए गए। साथ ही प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय बताए गए। इसमें बताया गया कि सीवरेज की पाइप अलग होनी चाहिए, ताकि पानी को रिसाइकिल कर किसान खेती में प्रयोग में ला सकें। पेड़ काटने बंद होने चाहिएं।
पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं, चलाएं सोलर बाइक
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गाखल धालीवाल की विद्यार्थी सतविंदर कौर ने पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सोलर बाइक का मॉडल बनाया। सोलर सिस्टम के माध्यम से गाड़ी को चार्ज कर सकते हैं।
..तो ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर चलना पड़ेगा
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चीमा कलां के विद्यार्थी नितिश ने वायु प्रदूषण का मॉडल बनाया। इसमें बताया गया कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एक दिन आदमी को ऑक्सीजन का सिलेंडर साथ लेकर चलना पड़ेगा।