अंकुर अस्पताल में बच्ची की मौत, हंगामा
जागरण संवाददाता, जालंधर
जीटीबी नगर में स्थित अंकुर किड्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल एक बच्ची की मंगलवार को मौत हो गई। हालांकि बच्ची की मां को इस संबंध में सूचित नहीं किया गया है, लेकिन भड़के परिजनों ने डॉ. गुरदेव चौधरी पर लापरवाही का आरोप लगा खूब हंगामा किया।
किसी वेल्डिंग की दुकान पर काम करने वाले मिट्ठापुर निवासी संदीप कुमार पुत्र बलवंत ने बताया कि उनकी पत्नी हरप्रीत कौर का 10 जुलाई को गुरु तेग बहादुर चेरिटेबल अस्पताल में प्रसव हुआ था। इस दौरान पैदा हुई उनकी बेटी शादी के तीन साल बाद पहली संतान थी। जन्म के साथ ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसे अंकुर किड्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। 12 दिन इलाज चलता रहा। डॉक्टर ने उनसे एक लाख से अधिक रुपये वसूले। मंगलवार को शाम करीब 6.30 बजे उन्हें फोन पर सूचित किया गया कि उनकी बेटी की दिल की धड़कन धीमी पड़ने लगी है।
बकौल संदीप कुमार जैसे ही मैं अस्पताल पहुंचा, डॉक्टर ने सबसे पहले पूरी राशि वसूली और फिर बच्ची के मरने की सूचना दी। मैं जब भी अस्पताल में आता था तो मेरी बच्ची के पास कोई डॉक्टर और नर्स नहीं होती थी। उन्हें आवाजें लगाकर दवाइयां देनी पड़ती थी।
देर शाम संदीप कुमार के पक्ष में अंबेडकर सेना भी आ गई। सेना के प्रधान जसविंदर सिंह जौली ने बताया कि संदीप उनकी सेना का सदस्य है। उसने करीब एक लाख रुपया कर्ज लेकर बेटी का इलाज करवाया और डॉक्टर गुरदेव चौधरी अपनी लापरवाही को कबूल नहीं कर रहा। अगर उन्हें इंसाफ न मिला तो गुरु रविदास चौक पर चक्काजाम करेंगे। उन्होंने इंसाफ मिलने के बाद ही अस्पताल से बच्ची का शव ले जाने की बात कही है। देर रात पुलिस डिवीजन नं. 6 में डॉक्टर गुरदेव चौधरी पर इलाज में लापरवाही करने की शिकायत दे दी है। इससे पहले अंबेडकर सेना ने अस्पताल में डाक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनके साथ अमित कुमार, सुखजीत सिंह साही, तेजिंदर पाल सिंह तेजी व परिजन मौजूद थे।
उधर डॉ. गुरदेव चौधरी ने कहा कि बच्ची प्री-मैच्योर पैदा हुई थी। उसका भार कम था। उसे सांस लेने व दूध पीने में दिक्कत आती थी। आंतड़ियां कमजोर थी। परिजनों को इस बारे में पहले ही बता दिया गया था। डॉक्टरों ने इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती।
अस्पताल में हालात बिगड़ने पर एएसआइ सुखजीत सिंह बुंट्टर व त्रिलोचन सिंह समेत पुलिस पार्टी पहुंची। उन्होंने कहा कि शिकायत के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।