बैंकों में मोटी रकम जमा करवाने वाले 268 लोग आयकर विभाग के राडार पर
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : आयकर विभाग ने होशियारपुर रेंज के उन 268 लोगों को अपनी
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : आयकर विभाग ने होशियारपुर रेंज के उन 268 लोगों को अपनी जांच के घेरे में ले लिया है, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने खातों में मोटी रकम जमा करवाई है। उन लोगों को विभाग का नोटिस भी मिला था। कोई जवाब न आने पर विभाग सख्ती के मूड में दिख रहा है।
इनमें पी वन (प्राथमिकता) श्रेणी में 74 केस है। इसके अलावा पी टू कैटागिरी में 89 और पी थ्री कैटागिरी में 105 केस सामने आए हैं। पैसे के हिसाब से इसकी ग्रे¨डग की गई है। पी वन कैटागिरी में 50 लाख से ज्यादा पैसा जमा करवाने वाले, पी टू में 30 लाख से लेकर 50 लाख तक व पी थ्री कैटागिरी में 20 लाख तक रुपये जमा करवाने वाले लोग हैं। यह जानकारी आयकर विभाग के जालंधर वन के ¨प्रसिपल कमिश्नर जेएस नौरथ ने पत्रकार वार्ता में दी। इस दौरान उनके साथ डिप्टी कमिश्नर आयकर दिनेश गुप्ता, आईटीओ संतोष कुमार यादव भी साथ थे। इसके बाद उन्होंने होशियारपुर के विभिन्न व्यापारी वर्ग को भी एक सेमिनार के माध्यम से संबोधित किया और उनकी समस्याएं भी सुनीं।
¨प्रसीपल कमिश्नर नौरथ ने साफ लफ्जों में कहा कि पुराने दिन चले गए हैं। सरकार अब ब्लैक मनी को लेकर गंभीर है। जिन लोगों ने अभी तक ब्लैक मनी सरेंडर नहीं की वो 31 मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आयकर में पचास प्रतिशत की रिबेट लेकर इंकम टैक्स भर सकते है। 31 मार्च के बाद विभाग ने अगर किसी को पकड़ा तो उनको 87 प्रतिशत जुर्माना लगेगा और ऐसे लोगों को 13 प्रतिशत आय ही प्राप्त होगी।
नोटबंदी करने के थे दो मकसद
नौरथ ने कहा कि केंद्र द्वारा नोटबंदी के दो मुख्य उद्देश्य थे। एक तो आतंकवाद पर कंट्रोल करना और दूसरा काले धन पर कंट्रोल करना। जिनके पास ब्लैक मनी थी, उन्होंने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए बैंकों व डाकघरों में खातों में पैसा जमा करवाया। कुछ ऐसे भी लोग है जिन्होंने पिछले 5-10 साल में अपनी आय को घोषित नहीं किया है। इन पर भी हमारी खास नजर है। इसलिए इन सभी लोगों को विभाग की तरफ से 31 मार्च तक का समय दिया गया है।
ं 657 केसों में 132 करोड़ रुपये सरेंडर
नौरथ ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पहले जून से सितम्बर 2016 तक इनकम डिक्लेयरेशन स्कीम के अंतर्गत जालंधर जोन वन में 657 केसों में 132 करोड़ रुपये सरेंडर किए गए जिनसे 59 करोड़ रुपये टैक्स वसूला गया। इस स्कीम में लोगों ने अपनी आमदनी के हिसाब से सरेंडर किए थे। 31 मार्च तक लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अपनी अघोषित आय का बनता टैक्स जमा करवा सकते है और 50 प्रतिशत तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के तहत आरबीआइ एक बांड भरवाएगी, जिसमें व्यक्ति की 25 प्रतिशत आय को चार साल के लिए सरकार के पास बांड के तौर पर रखा जाएगा और चार साल सरकार इस राशि का प्रयोग गरीबों के लिए व अन्य कामों में खर्च कर सकती है जबकि 25 प्रतिशत आय इनकम टैक्स भरने वाले को मिलेगा और 50 प्रतिशत टैक्स सरकार के खाते में जमा होगा। उन्होंने बताया अगर 31 मार्च के बाद ये लोगों से पैसा पकड़ा जाता है या वो अपनी रिर्टन नहीं दिखा पाता तो उसे 87 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।
ई-मेल पर मांगा जाएगा जवाब
उन्होंने बताया कि जिन खातों में ढाई लाख रूपये से ज्यादा जमा हुए उन खाता धारकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और ये नोटिस खाताधारकों की मेल पर किए जा रहे है। उन लोगों को भी नोटिस भेजे जा रहें है जिन्होंने अपने एक से अधिक खातों में ढाई लाख रूपये से ज्यादा जमा करवाए। ऑपरेशन क्लीन मनी के अंतर्गत कोई भी अधिकारी किसी को नोटिस नहीं देने जाएगा बल्कि ये नोटिस विभाग के हैड आफिस, बेंगलूर, नई दिल्ली से सीधे खाताधारकों की मेल पर आएंगे अगर खाताधारक पैसे जमा करवाने संबंधी कुछ नहीं बताते या सोर्स आफ इनकम के बारे नहीं बताते तो कार्रवाई होगी।
इनको डरने की है जरूरत
डिप्टी कमिश्नर आयकर दिनेश गुप्ता ने कहा की जिन्होंने आयकर विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया है। अगर तय समय सीमा ने उन्होंने जवाब नहीं दिया तो विभाग उन पर कार्रवाई करने की लिए फ्री होगा। विभाग की ओर से ईमेल पर नोटिस भेजा गया है। इसलिए जिसको नोटिस गया है वह मेल पर ही जवाब दे सकता है। कोई अधिकारी उनके पास नहीं आएगा और न ही किसी को कार्यालय बुलाया जाएगा। जिन लोगों के अलग-अलग खाते हैं और नोटबंदी के बाद उनके अलग-अलग खातों में ढाई लाख रुपये से ज्यादा पैसा जमा हुआ है तो उन्हें विभाग की ओर से नोटिस गया है। वे स्पष्ट कर दें कि उन्हें यह पैसा कैसे प्राप्त हुआ है।
दो जगहों पर आयकर सर्वे
आयकर विभाग ने सुबह साढ़े 11 बजे होटल प्रजिडेंसी में व्यापारियों को जागरूक करने के लिए सेमीनार लगाया और दोपहर को इसी होटल के पार्टनर के यहां दबिश दे दी। आयकर विभाग ने व्यवसायी अरुण गुप्ता व गऊशाला बाजार स्थित आरके ट्रेडर के यहां सर्वे किया। हालांकि अभी तक क्या कार्रवाई की इस बार में नहीं बताया गया है लेकिन आने वाले कुछ दिनों में आयकर विभाग की कार्रवाई और तेज होने वाली है। विभाग की डिप्टी कमिश्नर दिनेश गुप्ता के नेतृत्व में यह सर्वे किया गया और 31 मार्च तक विभाग और भी बड़ी मछलियों के यहां दबिश दे सकता है।
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