एसडीएम व 3 अकाली नेताओं समेत 13 पर केस
जेएनएन, लुधियाना: होशियारपुर-चिंतपूर्णी फोरलेन प्रोजेक्ट में जमीन घोटाला करने के आरोप में वि
जेएनएन, लुधियाना: होशियारपुर-चिंतपूर्णी फोरलेन प्रोजेक्ट में जमीन घोटाला करने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, क्लर्क व तीन अकाली नेताओं सहित तेरह लोगों पर षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है।
पिछले साल इस जमीन घोटाले को दैनिक जागरण द्वारा उजागर करने के बाद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चौबीस जून को विशेष जांच दल गठित कर जांच छह सप्ताह के भीतर पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे। विजिलेंस के विशेष जांच दस्ते ने होशियारपुर के तत्कालीन एसडीएम कम कलेक्टर आनंद सागर शर्मा, पूर्व तहसीलदार बलजिंदर सिंह, पूर्व नायब तहसीलदार मनजीत सिंह, पटवारी दलजीत सिंह, परमिंदर सिंह, मिसलेनियस क्लर्क संदीप कुमार, रजिस्ट्री क्लर्क सुखविंदर सिंह सोढी, देवी दास, होशियारपुर के अकाली पार्षद हरपिंदर सिंह गिल उर्फ लाडी , अकाली नेता एवं चेयरमैन सहकारी बैंक सतविंदरपाल सिंह ढंट्ट , चेयरमैन मार्केट कमेटी अवतार सिंह जौहल, जसविंदर सिंह और प्रतीक गुप्ता की इस घोटाले में संलिप्तता पाई है। सभी के खिलाफ विजिलेंस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत षड्यंत्र रचकर सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर धोखा करने का मामला दर्ज किया है।
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यह थे एसआइटी में शामिल
जमीन घोटाले की जांच करने वाले विशेष का नेतृत्व तत्कालीन विजिलेंस ब्यूरो के डीआइजी शिव कुमार वर्मा खुद कर रहे थे। उनके अलावा इसमें एसएसपी विजिलेंस रूपिन्दर सिंह, एसपी परवीन कंडा शामिल थे।
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ऐसे किया था घोटाला
जांच में पता चला कि फोरलेन का काम एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने अपने साथी अधिकारी व कर्मचारी बलजिंदर सिंह, मनजीत सिंह, दलजीत सिंह, परमिंदर , संदीप कुमार और सुखविंदरजीत सिंह की देखरेख में रखा था। जिन्होंने प्रोजेक्ट के भीतर आने वाली जमीन के मालिक देवी दास, हरपिंदर, सतविंदरपाल, अवतार सिंह, जसविंदरपाल और प्रतीक के साथ सेटिंग कर मुआवजा बढ़ाने के लिए कृषि भूमि को कमर्शियल दिखा दिया। इसकी एवज में खुद, अपने कर्मचारियों व जमीन के मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार के साथ धोखा कर बड़ा घोटाला कर दिया।
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30 हजार प्रति मरला खरीदी, छह से दस लाख में बेची
जालंधर-होशियारपुर-चिंतपूर्णी फोरलेन प्रोजेक्ट की अधिसूचना जारी होने के होशियारपुर मार्केट कमेटी के चेयरमैन अवतार सिंह जौहल, काउंसलर हरपिंदर गिल और को-ऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन सतविंदर सिंह ढट्ट पर आरोप है कि उन्होंने किसानों से करीब 30 हजार रुपये प्रति मरला के हिसाब से जमीन खरीद कर छह से दस लाख रुपये प्रति मरला की दर से सरकार को बेच दिया। इन अकाली नेताओं ने अधिकारियों से मिलीभगत कर कृषि भूमि को व्यवसायिक जमीन दिखाकर ज्यादा पैसे वसूल किए।
रातोंरात 290 करोड़ पर पहुंच गया 800 करोड़ का प्रोजेक्ट
जालंधर। नेताओं व कई रसूखदार लोगों को फायदा पहुंचाने के मकसद से पहले लगभग 42 हेक्टेयर (103 एकड़) जमीन अधिग्रहण के लिए 800 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया था, लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की आपत्ति के बाद प्रशासन ने इसे सिर्फ 290 करोड़ में तब्दील कर दिया। मजेदार यह है कि सेंट्रल पीडब्ल्यूडी से आपत्ति पत्र मिलने के महज 24 घटे के भीतर ही होशियारपुर जिला प्रशासन ने 510 करोड़ कम कर नया एस्टीमेट सौंप दिया। जाहिर है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर शुरू से ही प्रशासन की नीयत साफ नहीं थी और योजनाबद्ध तरीके से घपले को अंजाम दिया जा रहा था।