लगातार कटाई के चलते पंजाब में घट रहा है वन क्षेत्र
संवाद सहयोगी, दातारपुर : आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले दो वर्षों में वन क्षेत्रफल में 377
संवाद सहयोगी, दातारपुर : आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले दो वर्षों में वन क्षेत्रफल में 3775 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है और देश का वन क्षेत्रफल अब 697898 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 701673 वर्ग किलोमीटर हो गया है। यह यकीनी तौर से एक अच्छी खबर है, पर ¨चता की बात यह है कि राज्य स्तर पर हालात भयावह होते नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा वन क्षेत्रफल (89 प्रतिशत) वाले मिजोरम में वन क्षेत्र में 306 वर्ग किलोमीटर की सबसे बड़ी कमी दर्ज की गई है। सबसे कम वन क्षेत्र वाले राज्यों में गुजरात (7.5 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (6.0 प्रतिशत), राजस्थान (4.75 प्रतिशत), हरियाणा (3.58 प्रतिशत) और पंजाब (3.52 प्रतिशत) है। हमारे देश का कुल वन क्षेत्रफल 21.34 प्रतिशत है और नई वन नीति के अनुसार यह आगामी कुछ वर्षों में 30 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। वनों के संदर्भ में बताया गया है कि पेड़ों की कटाई के कारण गत दो वर्षों में राज्य के वन क्षेत्रफल में कमी दर्ज की गई है। पर्यावरण प्रेमी राजीव दत्त ¨रपा का कहना है कि राज्य के वन क्षेत्रफल में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से खाली पड़ी समस्त भूमि पर पौधरोपण किया जाए अन्य किसी भी तरीके से राज्य के वन क्षेत्रफल में सुधार ला पाना संभव नहीं है। वहीं रवि ¨शगारी का कहना है कि पंजाब में वनक्षेत्र घटने का क्रम अभी जारी रहेगा क्योंकि किसान विरोधी फैसलों के चलते प्रदेश के किसान कृषि वानिकी से दूर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा प्लाई का रेट बढ़ रहा है पर पापुलर की लकड़ी जो 1500 रुपये प्रति ¨क्वटल थी, का मूल्य घटकर 400 रुपये रह गया है जिससे दुखी किसानो ने विगत 3 साल से पौधे लगाने ही बंद कर दिए हैं जिससे 2 साल बाद प्रदेश में हरियाली घटती जाएगी। एमसी तरुण मनु खुल्लर का विचार है कि यदि इसी प्रकार पंजाब के किसान कृषिवनिकी से दूर होते गए तो यह पर्यावरण पर भारी पड़ेगा। जरूरत है किसान को लकड़ी का वाजिब दाम मिले तभी वह पौधरोपण करेंगे और पंजाब हराभरा और प्रदूषण मुक्त रह पाएगा।