प्रभु शरण प्राप्ति में नाम सिमरन सहायक
जागरण प्रतिनिधि, टांडा उड़मुड़
जो इंसान किरत कमाई करते हुए सत्संग में जाकर सतगुरु के दर्शाए मार्ग पर चलते हैं, वह इंसान नाम सिमरन का जाप करते हुए दुनिया के इस 84 लाख के चक्कर से हमेशा के लिए छुटकारा पा लेते हैं। वह इस इंसानी जामे के असल मकसद को हासिल कर लेते हैं। यह प्रवचन मंगलवार को जतिंदर शर्मा के आवास उड़मुड़ में श्रद्धालुओं को गुरु चरणों से लगाते हुए स्वामी मधुसूदन महाराज ने कहे। उन्होंने कहा कि जो भी इंसान इस दुनिया में जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है। इसलिए दुनिया में आने से पहले इंसान उस परम पिता परमेश्वर से जो वायदा करके आता है उस वायदे को जरूर पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान दुनिया के मोह में फंस कर यह मेरा यह मेरा है कहने में लगा रहता है, जबकि दुनिया में उसका कुछ नहीं सिवाय नाम सिमरन के, क्योंकि वही उसके साथ जाना है।
ध्रुव शर्मा ने अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को निहाल करते हुए कहा कि हर इंसान यह मेरे अपने हैं कहते हुए अच्छे-बुरे कर्म करता हुआ सारी जिंदगी गुजार देता है, लेकिन समय खत्म होने पर कोई उसका साथ नहीं देता। जिसने साथ देना है वह केवल नाम सिमरन है। इसलिए हमें नाम सिमरन जरूर करना चाहिए, ताकि प्रभु की शरण प्राप्त हो सके।
इस मौके पर प्रधान राकेश बिट्टू, राममूर्ति वैद, जतिंदर शर्मा, रजत शर्मा, सुरेंदर, अविनाश वर्मा, प्रदीप व डा. जीएस चौहान आदि उपस्थित थे।
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