खाली पड़ी कमिश्नर की पोस्ट, धराशाही हुए निगम के विकास कार्य
लोकेश चौबे, होशियारपुर नगर निगम होशियारपुर इन दिनों बड़ी विचित्र स्थिति से गुजर रहा है। हाल यह है
लोकेश चौबे, होशियारपुर
नगर निगम होशियारपुर इन दिनों बड़ी विचित्र स्थिति से गुजर रहा है। हाल यह है कि न तो कोई चेक साइन हो रहा है और न ही कोई काम। कारण दो है, एक तो निगम में पिछले एक माह से कमिश्नर का पद खाली है और थोड़ा बहुत काम जो ईओ देखते थे, उनका भी तबादला हो चुका है।
दूसरा नगर निगम की ओर से शहर के अंदर चल रहे सभी कामों को रोक दिया गया है। नए काम तो क्या होने हैं, जो काम हो रहे थे वे भी लटक गए हैं। निगम के अधिकारियों की ओर से सभी ठेकेदारों को निर्देश दे दिए हैं, जो काम जहां हैं उन्हें वहीं रोक दिया जाए। तर्क है कि सरकार के निर्देश के चलते सभी कामों को रोका गया है। जिसके चलते शहर में जहां सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है, वहीं विकास कार्य भी नहीं हो रहे है। चूंकि नगर निगम कमिश्नर के पास ही फाइनेंशियल पावर होती है और उसके न होने के कारण नगर निगम इस समय वित्तीय संकट से जूझ रहा है। वहीं नक्शे पास करवाने, एनओसी, इमरजेंसी वर्क, टेंडर प्रक्रिया बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
हालांकि निगम के एक्सईएन नरेश बत्ता का कहना है कि शहर में चल रहे विकास कार्य हो रहे हैं। वहीं मेयर का दावा है कि सरकार की ओर से पत्र आने के बाद चल रहे विकास कार्यो को भी रोक दिया गया है। ऐसे में अब या तो एक्सईएन झूठ बोल रहे हैं या फिर मेयर।
----------------
दो बार पोस्टपोन हो चुका है नाले का सफाई टेंडर
मानसून सिर पर है, लेकिन नगर निगम की ओर से नाले की सफाई का काम शुरू नहीं हो सका है। नगर निगम इसे इमरजेंसी वर्क के तौर पर करवाना चाहती थी। मगर, कमिश्नर न होने के कारण किसी के पास पावर नहीं है कि इस काम को इमरजेंसी वर्क के तौर पर सेंक्शन कर दे। दो बार निकाले टेंडर को टाला जा चुका है और अब तीसरी बार भी लगता है टेंडर की डेट आगे बढ़ानी पड़ेगी। जिसके कारण अभी तक होशियारपुर के नालों की सफाई नहीं हो पाई है। अब अगर बरसात शुरू हो जाए, तो फिर शायद ही नालों की सफाई हो पाए।
------------------
निगम के पास एक लाइट भी नहीं
वित्तीय संकट से जूझ रही नगर निगम के पास एक बल्ब या स्ट्रीट लाइट तक स्टोर में नहीं है। माता ¨चतपूर्णी के मेले चल रहे हैं। ऐसे में अगर किसी सामान को लगने की जरूरत पड़े, तो नगर निगम के पास न तो सामान है और न ही ऐसा कोई अधिकारी, जो सामान खरीदने की मंजूरी दे सकता है। कमिश्नर न होने के कारण निगम अधिकारी ऐसा भी नहीं कर सकते कि अपनी तरफ से सामान खरीद लें, क्योंकि बाद में पैसे मंजूर करवाने में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा बिजली का अन्य सामान भी निगम के पास स्टोर में नहीं है, क्योंकि सामान खरीदने के लिए भी कमिश्नर की मंजूरी जरूरी होती है। ऐसे में अगर किसी ट्यूबवेल में खराबी आ जाए और टेक्निकल दिक्कत आ जाए और सामान की जरूरत पड़े तो निगम के पास कोई सामान नहीं है।
-----------------
ये काम हो रहे प्रभावित
- वित्तीय
- कमर्शियल नक्शे पास करवाना
- एनओसी लेना
- इमरजेंसी वर्क करवाना
- टेंडर प्रक्रिया होना।
- विकास कार्य।
----------------
आठ माह से अधर में लटका टाइल का काम
वार्ड-3 के पार्षद ठाकुर रमेश कुमार का कहना है कि लगभग आठ माह पहले चांद नगर चौक से लेकर गांधी लाइब्रेरी चौक तक सड़क के दोनों तरफ टाइल लगाने का काम शुरू किया गया था। मगर, ठेकेदार द्वारा यह काम बड़ी सुस्ती के साथ किया जा रहा है और जो काम किया गया है उसका न तो लेवल है और न ही पानी निकालने की व्यवस्था की गई है। इस सड़क के आसपास लोगों द्वारा साइड वर्म के स्थान पर फर्श लगाकर उसकी ढलान सड़क पर दी गई है। जिस कारण पानी सड़क पर खड़ा रहता है और सड़क जल्दी टूट जाती है। इस मौके पर सड़क पर चलने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिस कारण चोट लगने का भी डर बना रहता है। इस सड़क से भारी वाहन जैसे रेत से भरी ट्रालियां, स्कूल बस आदि गुजरते हैं। इसलिए साईड वर्म के स्थान को खाली करवाकर टाइल ठीक ढंग से लगाई जाए। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड के कामों को किसी और वार्ड में करवाया जा गया है, जबकि एस्टीमेट उनके कार्यो का लगा है और काम कहीं और हो रहा है।
------------------
विधायक सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि नगर निगम में एक-दो दिन में कमिश्नर की तैनाती हो जाएगी। सरकार के स्तर पर फैसला ले लिया गया है और कुछ ही दिनों में नगर निगम होशियारपुर के कमिश्नर मिल जाएगा।
------------------
मेयर शिव सूद ने कहा कि नगर निगम कमिश्नर के पास ही सारी वित्तीय शक्तियां होती है और उनके कामों को हम नहीं कर सकते हैं। इस लिए शहर के विकास कार्य व निगम के अन्य जरूरी काम लटके हुए हैं। वहीं सरकार की तरफ से पत्र आ गया है, जिसमें उन्होंने सभी चल रहे विकास कार्यो को रोकने के निर्देश दे दिए हैं। जिससे विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सरकार को दो बार पत्र लिख चुके हैं कि होशियारपुर निगम को जल्द से जल्द कमिश्नर दिया जाए, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।