बाउलियों और तालाब की सफाई का लिया प्रण
सरोज बाला दातारपुर दातारपुर से 12 किमी और तलवाड़ा से 6 किमी दूर है गांव वनकर्णपुर। यहां बनी हैं चा
सरोज बाला दातारपुर
दातारपुर से 12 किमी और तलवाड़ा से 6 किमी दूर है गांव वनकर्णपुर। यहां बनी हैं चार बावड़ियां और मशहूर तपे दा तालाब गांव। गांव के लोगों ने प्रण लिया है कि वह गांव के तालाब की सफाई करेंगे। केहर ¨सह, सरपंच मीरा कुमारी ने कहा कि लोगों की मदद से तालाब की सफाई का आरंभ शुरू किया जाएगा। कहा ताता है कि ये बावड़ियां योगीराज बावा लाल दयाल के परम शिष्य संत तपादास की तपोभूमि में योगबल से प्रकट की गई थीं।
तालाब के संरक्षण के लिए गांव के लोग जागरूक हैं और इस तालाब को तीर्थ समझते हुए इसमें से कुछ सालों बाद गाद निकालते हैं। यह तालाब ऐतिहासिक है, संत तपादासजी ने यहां कई वर्ष जंगल में घोर तप किया। आबादी तो थी संसाधन कोई भी नहीं था। तपादासजी ने वर्षाजल को रेनवाटर हार्वे¨स्टग की वर्तमान तकनीक का 450साल पूर्व उपयोग करते हुए यहां तालाब खोदना शुरू किया और इस वीराने में विशाल तालाब खोद डाला।