पठानकोट-जोगिंदर नगर टॉय ट्रेन बनेगी हेरीटेज!
मनुपाल शर्मा, जालंधर कालका-शिमला नैरोगेज रेल लिंक की तर्ज पर पठानकोट-जोगिंदर नगर रेल खंड पर चलने
मनुपाल शर्मा, जालंधर
कालका-शिमला नैरोगेज रेल लिंक की तर्ज पर पठानकोट-जोगिंदर नगर रेल खंड पर चलने वाली टॉय ट्रेन को हेरीटेज का दर्जा मिल सकता है। ट्रेन के पुराने स्टीम इंजन को दोबारा चालू कर उसकी दशकों पुरानी पहचान को ताजा किया जा सकता है।
फिरोजपुर रेल मंडल प्रबंधक अनुज प्रकाश मंडल में मौजूद ऐतिहासिक धरोहर को विश्व मानचित्र पर लाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उनके इस प्रयास में पठानकोट-जोगिंदर नगर रेल खंड पर चलने वाली टॉय ट्रेन भी शामिल है। इससे पहले भी इस रेल लिंक को हेरीटेज का दर्जा दिलाने की कवायद चल चुकी है और इसे यूनेस्को की संभावित सूची में भी शामिल बताया जा चुका है।
धौलाधार पर्वत श्रृंखला का दीदार
पठानकोट-जोगिंदर नगर टॉय ट्रेन के ट्रैक का अधिकतर हिस्सा धौलाधार पर्वत श्रृंखला के मनोरम नजारे दिखाता है। रानीताल से कुछ आगे ऊंचाई पर बना रेलवे पुल और सुरंगें यात्रा में रोमांच पैदा करती हैं।
पुराने रैक खो चुके आकर्षण
मौजूदा समय में ट्रेन के पुराने रैक आकर्षण खो चुके हैं। ट्रेन को डीजल इंजन से चलाया जाता है। सरकारी उदासीनता की वजह से ट्रेन में सैलानियों की संख्या बेहद कम है। जोगिंदर नगर तक पहुंचने में ट्रेन को सात घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है।
यहां से गुजरती है टॉय ट्रेन
पठानकोट से चल कर ट्रेन जसूर, जवां वला शहर, नगरोटा सूरियां, ज्वालामुखी रोड, कांगड़ा मंदिर, नगरोटा बगवां, पालमपुर, बैजनाथ से होते हुए जोगिंदर नगर तक पहुंचती है। ट्रैक का निर्माण अंग्रेजी हुकूमत के समय किया गया था।
डीआरएम करेंगे योजना घोषित
रेल लिंक को हेरीटेज का दर्जा दिलाने की योजना बनाई जा रही है और शीघ्र ही इसकी घोषणा की जाएगी। डीआरएम अनुज प्रकाश ने बताया कि फिरोजपुर मंडल की अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के बारे भी जल्द निर्णय लिया जाएगा।