वार्ड चार में पत्नियां करेंगी दो-दो हाथ
हजारी लाल, होशियारपुर नगर निगम चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक खटपट शुरू हो गई है। 20 फरवरी को
हजारी लाल, होशियारपुर
नगर निगम चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक खटपट शुरू हो गई है। 20 फरवरी को चुनाव होने के संकेत मिलने के साथ ही अभी तक शांत बैठे टिकट के चाहवान भाजपाइयों ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। दावेदारी जताते हुए मोबाइल फोन के जरिए चुनाव लड़ने के तीर छूटने का क्रम जारी हो चुका है।
वार्ड नंबर चार से अपनी पत्नी नीति तलवाड़ के लिए टिकट की जद्दोजहद कर रहे सांसद अविनाश राय खन्ना के राजनीतिक सचिव संजीव तलवाड़ ने शुक्रवार को मोबाइल पर मैसेज भेजकर चुनावी जंग का एलान कर दिया। उन्होंने जनता से पत्नी नीति तलवाड़ को आशीर्वाद देने की फरियाद की है। बात करने पर संजीव तलवाड़ ने कहा कि वह भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ेंगे। टिकट न मिलने के बाबत पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि फिर वार्ड के लोगों के बीच में जाएंगे। जैसा हुक्म होगा वैसा करेंगे। उन्होंने घुमा फिराकर साफ कर दिया कि यदि टिकट न मिली तो बतौर आजाद चुनावी समर में उनकी पत्नी नीति कूदेंगी। इसी वार्ड से मुख्यमंत्री के सलाहकार तीक्ष्ण सूद के पीए रह चुके कमलजीत सेतिया की पत्नी पूर्व पार्षद सुषमा सेतिया टिकट की प्रबल दावेदार हैं। उनका तर्क है कि वह पार्षद रह चुकी हैं। फिर भी उन्हें हाईकमान का हर हुक्म सिर मत्थे होगा। कुल मिलाकर यह भाजपा के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं होगा। क्योंकि संजीव तलवाड़ को सांसद खन्ना का आशीर्वाद प्राप्त है तो हाल में तीक्ष्ण सूद से हाथ मिला चुके कमलजीत सेतिया को अपने गुरु का।
कमलजीत सेतिया व संजीव तलवाड़ अपनी पत्नियों को टिकट दिलाने के लिए दांवपेंच लगा रहे हैं। अब देखना है कि टिकट लेने की बाजी मारता कौन है?
केवल वार्ड चार ही नहीं, बल्कि वार्ड-पांच से भाजपा की टिकट का पेंचा फंसा हुआ है। इस वार्ड से भाजयुमो के शहरी पूर्वी मंडल प्रधान शक्ति शर्मा के पिता बलबीर शर्मा टिकट की दौड़ में है। उनके ऊपर भाजयुमो के जिलाध्यक्ष नितिन गुप्ता का भी हाथ है। इसी वार्ड से करीब दो साल पहले कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए भाजपा मेडिकल सेल के जिलाध्यक्ष अशोक सूद हैप्पी भी दावेदारी कर रहे हैं। एक की टिकट कटेगी और ऐसे में निश्चित तौर पर राजनीतिक विस्फोट भी होगा। इसके अलावा वार्ड नंबर 38 से खन्ना गुट से संबंध रखने वाले गोपी चंद कपूर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इस वार्ड से तीक्ष्ण सूद गुट से संबंधित स्वतंत्र कैंथ पूर्व पार्षद रह चुके हैं। यहां पर भी टिकट का पेंचा फंसा हुआ है। इसी तरह से अन्य कुछ प्रभावशाली नेताओं में टिकट को लेकर अंदरखाते खींचतान चल रही है।
अपने-अपने राजनीतिक आंकाओं के सहारे टिकट लेने की कवायद की जा रही है। देखना है कि टिकट लेने की बाजी कौन मार पाता है और कौन निराशा का सामना करना पड़ सकता है। टिकट किसी को भी मिले, लेकिन टिकट से वंचित रहने वाले नेता भाजपा के लिए चुनावों में परेशानी खड़ी कर सकते हैं।