मसीही सत्संग को लेकर हिंदू संगठनों व क्रिश्चियन फ्रंट में ठनी
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : 29 अक्टूबर को रोशन ग्राउंड में आयोजित होने वाले मसीही सत्संग को लेक
जागरण संवाददाता, होशियारपुर :
29 अक्टूबर को रोशन ग्राउंड में आयोजित होने वाले मसीही सत्संग को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल किसी भी सूरत में मसीही सत्संग न करवाने देने पर अड़ा है जबकि क्रिश्चियन फ्रंट हर हाल में कार्यक्रम करवाने का दावा कर रहा है।
मामले की गंभीरता को भांपते हुए जिला प्रशासन ने भी कान खड़े कर लिए हैं। शनिवार को एसडीएम आनंद सागर ने विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल और क्रिश्चियन फ्रंट के प्रतिनिधियों को बुलाकर एक साथ बिठाकर मसला हल करने की कोशिश की, मगर बात नहीं बनीं। हिंदू संगठनों का कहना था कि मसीही समुदाय अपना कार्यक्रम चर्च में करवाए जबकि फ्रंट की दलील थी कि वह हर साल सत्संग करवाते हैं। धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जाता है। इस साल भी वह कार्यक्रम आयोजित करेंगे। करीब दो घंटे तक चली बैठक के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक दिन का समय मांगा है।
हिंदू संगठनों की तरफ से विहिप के पंजाब संपर्क प्रमुख कमलजीत सेतिया, सह मंत्री पंजाब रविंदर अग्रवाल, जिलाध्यक्ष पंडित सुरेश शर्मा, बजरंग दल के विभाग संयोजक शेर-ए-पंजाब सिंह, बजरंग दल के पंजाब सुरक्षा प्रमुख शिव सैनी, मसीही समुदाय की तरफ से क्रिश्चियन फ्रंट के अध्यक्ष लारेंस चौधरी व अन्य चार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जबकि प्रशासन की तरफ से एसडीएम आनंद सागर शर्मा, डीएसपी चब्बेवाल हरदीप सिंह, डीएसपी सतीश कुमार, एसएचओ माडल टाउन भरत मसीह, एसएचओ सिटी अमरनाथ व एसएचओ सदर प्रेम कुमार शामिल हुए।
सुबह दस बजे से लेकर बाद दोपहर बारह बजे तक दो घंटे तक बंद कमरे में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि मसीही सत्संग में पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। इन्हें अपना कार्यक्रम चर्च में करवाना चाहिए। जब चर्च में पर्याप्त जगह है, तो फिर रोशन ग्राउंड में क्यों? दूसरी तरफ, क्रिश्चियन फ्रंट ने कहा कि वह धर्म परिवर्तन नहीं करवाता है। न ही उसका कोई ऐसा मकसद है। उसे कहीं भी समारोह आयोजित करवाने का अधिकार है।
ऐसे में प्रशासन अब बीच का रास्ता ढूंढने की कोशिश कर रहा है। एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने एक दिन का समय मांगकर अपना निर्णय सुनाने का भरोसा दिलाया है। कुल मिलाकर मसीही सत्संग प्रशासन के गले की फांस बनता दिख रहा है। ऐसे में वह गैर विवादित फार्मूला ढूंढ़ने की कोशिश में जुटा है।