टैक्स जमा फिर भी आया आयकर नोटिस
लोकेश चौबे, होशियारपुर वार्षिक आयकर जमा करवाने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को आयकर वि
लोकेश चौबे, होशियारपुर
वार्षिक आयकर जमा करवाने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को आयकर विभाग के नोटिस आ रहे हैं। कारण है स्कूल शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों की लापरवाही। होशियारपुर के एलीमेंट्री विभाग के ब्लाक एक बी में लगभग 150 अध्यापकों को आयकर विभाग का नोटिस आ गया कि उनका आयकर नहीं जमा हुआ है। हैरानी की बात यह थी कि सभी अध्यापकों ने अपना टैक्स बीपीईओ के माध्यम से जमा करवा दिया था।
पड़ताल करने पर पता चला कि टैक्स तो जमा हो गया लेकिन जो संबंधित कागजात थे वे जमा नहीं हुए, जिसके कारण संबंधित अध्यापक के पैन नंबर पर टैक्स शो नहीं हो रहा है। अब मामला यहां फंस गया कि आयकर विभाग ने अध्यापकों से संबंधित टैक्स पर ब्याज मांग लिया है। अध्यापक परेशान हैं कि उन्होंने तो समय पर टैक्स जमा करवा दिया तो अब वे ब्याज किस गलती के लिए भरें।
ऐसा इस ब्लाक में पहली बार नहीं बल्कि पिछले तीन सालों से चल रहा है। वर्ष 2011-12, 2012-13 व इस बार 2013-14 में अध्यापकों को समय पर टैक्स जमा करवाने के बाद भी ब्याज के लिए आयकर विभाग ने नोटिस दिया है।
आयकर विभाग की बेवसाइट पर जाकर अगर पीड़ित अध्यापक अपना पैन नंबर भरता है तो पिछले तीन साल का उसका जमा करवाया टैक्स उसमें शो नहीं हो रहा है। एक तरह से विभाग की नजरों में संबंधित ब्लाक के अध्यापकों ने टैक्स जमा नहीं करवाया है और कहीं न कहीं वे डिफाल्टर ही माने जाएंगे।
दरअसल बात यह है कि होशियारपुर में स्कूल शिक्षा विभाग के 19 ब्लाक हैं। इनमें से एक ब्लाक होशियारपुर एक बी है जिसके अंदर काफी एलीमेंट्री स्कूल हैं। जिसका संचालन विभाग की ओर से ब्लाक प्राइमरी एजुकेशन अधिकारी करती हैं। इस ब्लाक के अध्यापकों का जितना भी वार्षिक आयकर होता है, उससे संबंधित कागजात उन्हें ब्लाक में जमा करवाना होते हैं। उसके बाद पूरे ब्लाक के अध्यापकों के कागजात बीपीईओ आफिस द्वारा आयकर विभाग में जमा होते हैं और टैक्स की राशि खजाने से काट ली जाती है। अब पिछले तीन सालों से खजाने से टैक्स की राशि तो कट रही है लेकिन आयकर विभाग के पास कागजात जमा नहीं हो रहे हैं। जिसके कारण ऑनलाइन अध्यापकों का टैक्स शो नहीं हो रहा है।
अध्यापकों ने अपना साल 2013-14 का बनता बकाया टैक्स जमा करवा दिया लेकिन संबंधित बीपीईओ की गलती के कारण वह टैक्स साल 2013-14 की बजाए 2014-15 में गिना जाएगा। अगर बीपीईओ 31 मार्च को वेतन का बिल जिसमें आयकर काटा गया था उसे खजाने से वापस ले लेती तो यह कर अध्यापकों का बच सकता था। यही कर बाद में अध्यापकों को मई-जून में ब्याज सहित जमा करवाना पड़ा।
एक सप्ताह के भीतर काम होगा पूरा : बीपीईओ
ब्लाक एक बी की बीपीईओ सुमित्तर कौर का कहना है कि क्लर्क न होने के कारण ब्लाक के कार्यो में काफी दिक्कत आ रही है। अध्यापकों की मदद से ही वे कैश बुक व अन्य काम करवा रही हैं। जहां तक आयकर से संबंधित कार्य है, उस संबंध में उनकी सीए से बात हो गई है और एक सप्ताह के भीतर यह काम भी करवा दिया जाएगा।