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सरकार की इमारत में निजी स्कूल का संचाल

By Edited By: Published: Sun, 14 Sep 2014 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 14 Sep 2014 05:53 PM (IST)

लोकेश चौबे, होशियारपुर

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होशियारपुर में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जिसके परिसर के अंदर ही निजी स्कूल चल रहा है, और विभाग जानते हुए भी मूक दर्शक बना बैठा है। सरकारी परिसर के अंदर निजी स्कूल के चलने से सरकारी स्कूलों के बच्चों की संख्या काफी कम हो गई है। यह सिलसिला साल दो साल नहीं बल्कि सरकारी स्कूल जब अस्तित्व में आया तब से चल रहा है। मामले की शिक्षा ंिवभाग, एसडीएम होशियारपुर भी जांच कर चुके हैं, लेकिन इस बारे में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। यही कारण है कि सरकारी स्कूल में जितने विद्यार्थी हैं लगभग उतने ही निजी मिडिल में भी पढ़ रहे हैं। स्कूल प्रबंधक भी इसकी शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग को दे चुका है।

भूंगरनी सरकारी हाई स्कूल में ही गुरु हरि राय माडल स्कूल चल रहा है। इस बारे में स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग, एसडीएम व यहां तक कि इलाके के विधायक को भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही है।

इस समय सरकारी हाई स्कूल में 196 के करीब विद्यार्थी हैं, जबकि लगभग इतने ही विद्यार्थी स्कूल में चलने वाले प्राइवेट स्कूल में। इससे साफ जाहिर हो जाता है कि सरकारी स्कूल को कितना नुकसान हो रहा है। जबकि निजी स्कूल चलाने वाला प्रबंधन दावा करता है कि उन्होंने कब्जा नहीं किया बल्कि उन्होंने अपने स्थान पर ही स्कूल खोला है।

मामले की कब-कब हुई जांच

1966 में सरकारी स्कूल के स्थान पर सरकार की 95 प्रतिशत ग्रांट पर गुरु हरि राय स्कूल चलता था। सितंबर 1977 में माली हालत कमजोर होने के कारण स्कूल को बंद करना पड़ा। ग्राम पंचायत ने स्कूल की जमीन सरकारी स्कूल को दे दी। गांव में चल रहे सरकारी प्राइमरी स्कूल को अपग्रेड कर मिडिल बनाया गया और बाद में अपग्रेड कर हाई कर दिया गया। इस बारे में 20 अप्रैल 2007 को तत्कालिन एसडीएम करनैल सिंह को भी शिकायत गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्ष 2007 में तत्कालिन जिला साइंस सुपरवाइजर जतिंदर सिंह ने इस मामले की पड़ताल की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारी स्कूल के दो कमरों पर निजी स्कूल का कब्जा है। जांच तत्कालिन उप जिला शिक्षा अधिकारी ने कर रिपोर्ट में लिखा की सरकारी स्कूल में निजी स्कूल चलना गलत है। इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए। 21 अगस्त को डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन की स्पेशल टीम ने भी स्कूल की जांच की तथा हैरानी जताई। हाल ही में जिला साइंस सुपरवाइजर कुलतरण सिंह ने भी स्कूल का निरीक्षण किया और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी है।

फोटो-11 में है।

क्या कहते है निजी स्कूल प्रबंधक

स्कूल का संचालन कर रही गुरु हरि राय माडल स्कूल एजुकेशन सोसायटी के प्रधान लश्कर सिंह कहते हैं कि 1966 में चल रहे रहे स्कूल की यह ब्रांच है। फंड की कमी के कारण 1977 में स्कूल बंद कर दिया गया था, लेकिन कुछ कक्षाएं हमने चलाई है और जगह गुरु हरि राय स्कूल की है, जिसमें सरकारी स्कूल चल रहा है।

सरकारी स्कूल हो रहे है प्रभावित

स्कूल की अध्यापिकाओं का कहना है कि स्कूल परिसर में प्राइवेट स्कूल के चलने से बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। गांव के एलीमेंट्री स्कूल में पहले 13 अध्यापकों की मंजूर पोस्ट होती थी लेकिन प्राइवेट स्कूल के कारण विद्यार्थी कम होते गए और पोस्टें भी कम हो गई।

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी (से) सुखविंदर कौर ने कहा कि एसडीएम भी इस मामले की जांच कर चुके हैं। स्कूल की जमीन शामलाट की है। इस संबंध में रिपोर्ट बना ली गई है और उच्चाधिकारियों को इस मामले में रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।


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