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आरटीआइ का हथियार, दहाड़ते शमशेर

By Edited By: Published: Sun, 10 Aug 2014 07:07 PM (IST)Updated: Sun, 10 Aug 2014 07:07 PM (IST)
आरटीआइ का हथियार, दहाड़ते शमशेर

लोकेश चौबे, होशियारपुर

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सूचना के अधिकार को समाज की ताकत बनाने वाले बहुत कम शख्स हैं। इनमें से एक हैं टांडा के एडवोकेट शमशेर सिंह भारद्वाज। पेशे से शमशेर एडवोकेट हैं, लेकिन समाज में बदलाव व भ्रष्ट तंत्र को सुधारने की नीयत से वह अपने इस अधिकार का बाखूबी प्रयोग करते हैं। अभी तक शमशेर 350 से अधिक आरटीआइ के माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन में अपना सराहनीय योगदान दे चुके हैं। कई मामलों में उन्हें धमकियां भी मिली, लेकिन वे अपने पथ से डगमगाए नहीं, बल्कि उनका हौंसला और भी मजबूत होता गया। यही कारण है कि टांडा के इलाके में उन्होंने न केवल लोगों की समस्याओं को हल करवाया, बल्कि लोगों को गलत जानकारी देने वाले डॉक्टरों की भी उन्होंने पोल खोली।

35 वर्षीय शमशेर बताते हैं कि उनको समाज सेवा की यह प्रेरणा उनके पिता से मिली जो कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर हो चुके पिता गुरदीश सिंह से मिली है। शमशेर बताते हैं कि उन्हें जहां भी लगता है कि गड़बड़ी हो रही है वे आरटीआइ के माध्यम से आवाज जरुर उठाते है। टांडा में बने फ्लाइओवर जिस पर लगी लाइटें काफी समय से खराब थी और कई बार दुर्घटनाएं भी होती थी। इस संबंध में जब उन्होंने सूचना के अधिकार का प्रयोग कर सारी जानकारी मांगी तो विभाग ने वहां की लाइटें ठीक करवाई। टांडा के मेन बाजार का ट्रासंफार्मर 15-20 साल पुराना था और लोगों का काफी समस्या आ रही थी लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जब लोगों की सुनी न तो उन्होंने आरटीआइ का प्रयोग किया। जिसके चलते वहां नया ट्रांसफार्मर लगा और लोगों की बिजली समस्या का भी समाधान हुआ।

इसके अलावा एक महिला डॉक्टर लोगों को गलत डिग्री बता कर प्रैक्टिस कर रही थी। क्लीनिक के बाहर उसके एमबीबीएस, एमडी व गायनाकालोजिस्ट लिखा था लेकिन जब उसने पंजाब मेडिकल कौंसिल से आरटीआइ से जानकारी मांगी तो वह सिर्फ एमबीबीएस ही थी। इस मामले में अदालती कार्रवाई भी चली।

एडवोकेट शमशेर ने बताया कि उन्होंने जालंधर, अमृतसर व लुधियाना के बने स्टैंडों के रखरखाव, ठेके व अन्य जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी, लेकिन उनको जानकारी नहीं दी गई। बल्कि कई लोगों से धमकियां जरूर मिल गई। इस मामले को लेकर वे अभी अपील भी करेंगे।

शमशेर सिंह भारद्वाज ने वर्ष 2008 में जीएनडीयू के रिजनल सेंटर से एलएलबी की। उनके एक भाई रवि पाल सिंह गुरदासपुर में मैजिस्ट्रेट हैं, जबकि दूसरा छोटा भाई रोहित भारद्वाज होशियारपुर कोर्ट में उनके साथ प्रेक्टिस करता है।

एडवोकेट शमशेर ने कहा कि सूचना का अधिकार लोगों की ताकत है और जहां कहीं भी लोगों को कुछ गलत लगे वे बगैर किसी संकोच अपने इस अधिकार का प्रयोग कर भ्रष्ट सिस्टम के खात्मे के लिए जरूर आगे आएं।

उन्होंने कहा कि वे आरटीआइ को लेकर लोगों को भी जागरूक करते हैं, ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हों


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