हिमाचल जाने वाले कम किराये में लग्जरी बसों का मजा लें
जागरण संवाददाता, पठानकोट : पठानकोट से धर्मशाला बस में सफर करने वाले यात्री ध्यान दें। बस में सफर करत
जागरण संवाददाता, पठानकोट : पठानकोट से धर्मशाला बस में सफर करने वाले यात्री ध्यान दें। बस में सफर करते वक्त उनकी सभी हरकतें सीसीटीवी में कैद हो जाएंगी। वे ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे साथ बैठे यात्री को परेशानी हो। यह कोई बस की अनाउंसमेंट नहीं हो रही बल्कि हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल नई बसों की खूबियां हैं।
बस में सीसीटीवी से लेकर जीपीआरएम (ग्लोबल पेाजीशनिंग सिस्टम भी लगा हुआ है। इसके अलावा बस की सीटें भी किसी टूरिस्ट बस से कम नहीं हैं। इतना ही नहीं बस का किराया भी आम बसों के समान है। यानी पठानकोट से हिमाचल जाने वाले यात्री अथवा पर्यटक कम दरों पर लग्जरी बसों के समान सफर का आनंद उठा सकेंगे। केंद्र सरकार के अर्बन डिपार्टमेंट के अधीन जेएनएनआरयूएम (जवाहर लाल नेहरु नेशनल अर्बन रिन्यूल मिशन) के तहत हिमाचल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के तहत आधुनिक सुविधाओं से लैस 850 बसों दी गई हैं।
जानकारी के अनुसार पठानकोट से औसतन छह सौ से आठ सौ तक यात्री हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों की ओर सफर करते हैं। हिमाचल प्रदेश की लग्जरी गाड़ियों और साधारण बसों के किराए में भारी अंतर होने के कारण यात्री पंजाब रोडवेज अथवा हिमाचल परिवहन निगम की साधारण बसों में ही सफर करते हैं। लेकिन, नई बस में ही लग्जरी जैसी सुविधाएं मिलने के बाद यकीनन आने वाले दिनों में इन बसों में यात्रियों का झुकाव बढ़ेगा।
बस की खूबियों के बारे में बस के कंडक्टर संजीव कुमार ने बताया कि साधारण बसों के मुकाबले में इसमें दस गुणा अधिक सुविधाएं हैं और इसका किराया भी अन्य बसों के मुकाबले महंगा होने की बजाय सस्ता है। बस का मिनिमम किराया पांच रुपये है और इसके बाद 1 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से यात्री से किराया वसूला जाता है। उन्होंने बताया कि साधारण बस 15 से 18 लाख में तैयार होती है, जबकि इसकी कीमत 35 लाख रुपये है।
बस में सवार यात्रियों पर निगाह रखने के लिए एक सीसीटीवी लगा हुआ है, जिसमें यात्रियों की सारी हरकतें रिकार्ड हो जाती हैं। सीसीटीवी लगने के बाद बस में चोरी होने का खतरा भी न मात्र रह जाता है, अगर चोरी हो भी जाती है तो सीसीटीवी की सहायता से चोर को पकड़ना आसान होगा। इसके अलावा बस को जीपीआरएस सिस्टम से जोड़ा गया है। जीपीआरएस सिस्टम की सहायता से डिपो हेड क्वार्टर में बैठे अधिकारी अपने कैबिन से ही बस की स्थिति को देखा सकता है।
हेड क्वार्टर में बैठा अधिकारी वहीं से देख सकेगा कि बस अपने निर्धारित रुट पर है या कहीं भटक गई है। अगर बस गलत रुट पर चल पड़ी है तो हेड क्वार्टर से ही बस के ड्राइवर को सही रास्ते संबंधी अवगत करवाया जा सकता है। इतना ही नहीं जिन क्षेत्रों में धुंध का प्रकोप ज्यादा रहता है, वहां ड्राइवर जीपीआरएस सिस्टम से आगे के रास्ते संबंधी स्थिति जानकर बस की स्पीड को कम या बड़ा सकता है। इतना ही नहीं नहीं बस कहां से कहां जा रही है और इसके मेन स्टापेज कहां-कहां हैं, सब कुछ बस के फ्रंट व बैंक शीशे के उपरी हिस्से पर इलेक्ट्रिक तरीके (ग्लोसाइन बोर्ड) पर अंकित होता रहता है ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि फिलहाल पठानकोट से धर्मशाला, नगरोटा बगवां, पालपमुर रुट पर ही बसों का परिचालन हो रहा है, लेकिन जल्द ही पठानकोट डिपो सहित हिमाचल प्रदेश के अन्य डिपो को यह बसें मिल जाएंगी।
पठानकोट के बेड़े में भी बसें शामिल होंगी : डिप्टी डायरेक्टर
उधर, इस संदर्भ में हिमाचल परिवहन पठानकोट डिपो के डिप्टी डायरेक्टर राज कुमार जरियाल ने कहा कि शीघ्र ही पठानकोट के बेड़े में भी तीन नई बसें शामिल होने जा रही हैं। उम्मीद है कि अगले सप्ताह बसें पठानकोट आ जाएंगी, जिसके बाद इन्हें रुट पर भेजा जाएगा।