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1971 के भारत पाक युद्ध में पीया था शहादत का जाम

राम लुभाया, गुरदासपुर तेरा वैभव अमर रहे, मां हम दिन चार रहें न रहें, भारत माता को समर्पित उक्त

By Edited By: Published: Mon, 08 Dec 2014 05:47 PM (IST)Updated: Mon, 08 Dec 2014 05:47 PM (IST)

राम लुभाया, गुरदासपुर

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तेरा वैभव अमर रहे, मां हम दिन चार रहें न रहें, भारत माता को समर्पित उक्त पंक्तियों को शाश्वत करते हुए 1971 को भारत पाक युद्ध में दुश्मन सेना को अपने अदम्य साहस से छक्के छुड़ाते हुए शहादत का जाम पीकर अमर शहीदों में शामिल होने वाले तंगोशाह निवासी मेजर कुलबीर सिंह राणा जिनकी शहादत पर आज भी क्षेत्र वासियों को गर्व है।

शहीद मेजर कुलबीर सिंह राणा के जीवन परिचय देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने बताया कि बचपन से ही दलेर व राष्ट्र भक्ति की भावना से ओतप्रोत मेजर कुलबीर राणा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। माता जमुना देवी व पिता ठाकुर चैन सिंह अपने बेटे को सिविल सर्विसेज में भेजना चाहते थे। लेकिन राणा ने सीमा पर तैनात होकर दुश्मन के दांत खट्टे करना चाहते थे। इसी देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर 1963 में 20 वर्ष की अल्पा आयु में बतौर लेफ्टीनेंट भर्ती होकर सेना की 15 रेजीमेंट में शामिल हो गए। 1965 के भारत पाक युद्ध में उन्होंने अपनी वीरता का अद्भूत मिसाल पेश करते हुए दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जबाव देते हुए उन्हें पीछे भागने पर विवश कर दिया। उनकी इसी वीरता के चलते सरकार ने उन्हे रक्षा पदक से सम्मानित किया।

1971 को मेजर राणा की शादी संतोष राणा से हुई। उनकी दुल्हन के हाथों की मेहंदी का रंग अभी फीका भी नहीं हुआ था कि फिर से भारत पाक युद्ध का ऐलान हो गया। मेजर राणा को नई नवेली दुल्हन का मोह भी सीमा पर जाने से नहीं रोक सका। फिर से दुश्मन को सबक सिखाने सीमा पर जाकर अपनी जांबाजी का परिचय देत हुए दुश्मन को नाकों चने चबा दिए। लेकिन एक गोली मेजर राणा का सीना भेंदती हुई निकल गई और शादी के छह महीने बाद ही मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस बीर योद्धा ने अपना नाम शहीदों की श्रंखला में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा लिया।

कुंवर रविन्द्र विक्की ने बताया कि इस रणबांकुरे की शहादत को नमन करने हेतु 9 दिसंबर को गांव तंगोशाह में इनके नाम पर बनाए गए सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें गणमान्य लोग इन वीर योद्धा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे।


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