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सैनिक सम्मान के साथ शहीद का हुआ अंतिम संस्कार

संवाद सहयोगी, दुनेरा/पठानकोट अरनिया सेक्टर में वीरवार को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 06:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 06:44 PM (IST)
सैनिक सम्मान के साथ शहीद का हुआ अंतिम संस्कार

संवाद सहयोगी, दुनेरा/पठानकोट

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अरनिया सेक्टर में वीरवार को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए बलविन्द्र सिंह का पार्थिव शव शुक्रवार को सुबह उनके पैतृक गांव लैहरून पहुंचा।

सैन्य अधिकारियों एवं जवानों की ओर से सुबह लगभग साढ़े दस बजे राष्ट्र ध्वज में लिपटा शहीद का शव उसके घर लाया वैसे ही लोग भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा, बलविन्द्र तेरा नाम रहेगा, के नारे लगाने लगे।

शहीद के अंतिम संस्कार में पहुंचे डिप्टी स्पीकर पंजाब दिनेश सिंह बब्बू, विधायक पठानकोट अश्रि्वनी शर्मा, पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल, एसडीएम धार वी निवासन, डीएसपी रणजीत सिंह सहित दर्जनों प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य लोगों शहीद को श्रद्धांजली दी। क्षेत्र में जैसे ही बलविन्द्र सिंह के शव पहुंचने की खबर मिली वैसे ही लैहरून के टीका गाहल के सैकड़ों लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने श्मशान घाट में पहुंच गए। सेना की टुकड़ी ने हवा में फायर कर व शस्त्र उल्टा कर शहीद सैनिक को सलामी दी।

श्रद्धांजली देने पहुंचने राजनेताओं ने शहीद के पिता कुलदीप सिंह को ढांढस बंधाया।

नेपाल बार्डर व बिहार में होने के कारण नहीं पहुंच पाए बड़े भाई

शहीद बलविन्द्र सिंह के बड़ा भाई बिहार में बतौर ड्राइवर है जबकि उससे छोटा सुरेन्द्र सिंह सेना में नेपाल बार्डर पर तैनात होने के कारण अपने छोटे भाई के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाये। ऐसे में बलविन्द्र सिंह के शव को मुखाग्नि उनके चाचा के लड़के मुकेश ने दी। बलविन्द्र के शव को लेकर आये सूबेदार जरनैल सिंह ने बताया कि जम्मू के अरनिया सेक्टर में आतंकियों को बुरी तरह से पछाड़ते हुए बलविन्द्र ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

उल्लेखनीय है कि बलविन्द्र सिंह करीब तीन साल पहले सेना में भर्ती हुआ था और लगभग दस दिन पहले ही छुट्टी काटने के उपरांत अपनी यूनिट में वापस गया था। बलविंदर के शहीद होने की सूचना सेना के अधिकारियों ने वीरवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे शहीद के पिता कुलदीप सिंह को फोन पर दी गई थी।


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