दुष्कर्म के मामले ने लिया नया मोड़
संवाद सहयोगी, काहनूवान
पुलिस थाना भैणी मिया खां में एक महिला की ओर से दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद 20 जुलाई 2014 को दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपी जीत सिंह पुत्र हजारा सिंह निवासी भिंडी सैदां जिला अमृतसर को गिरफ्तार कर जेल भेजने का दावा किया था। लेकिन, मामले की सच्चाई कुछ और ही सामने आई।
दुष्कर्म की शिकार महिला ने बताया कि अक्टूबर 2013 में अपने किसी रिश्तेदार से मिलने गांव हरचोवाल जा रही थी। रास्ते में उसके ही गांव के दो लोगों ने उसको किसी दूसरे स्थान पर रख कर कई दिनों तक दुष्कर्म किया। वह किसी तरह उन लोगों के चुंगल से निकल कर पुलिस थाना भैणी मिया खां में अपने साथ हुई घटना की सुचना दी। उसको अगवा करने वाले दोनों लोगों की पहुंच उपर तक होने के कारण पुलिस ने आरोपियों पर मामला तक दर्ज नहीं किया।
पुलिस के पास से इंसाफ न मिलने के बाद उन्होंने माननीय पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में रिट पटीशन दर्ज दायर की। इसके बाद पुलिस थाना भैणी मिया खां में लखविन्द्र सिंह पुत्र सोहन सिंह व सोना पुत्र दर्शन सिंह के खिलाफ पांच अक्टूबर 2013 को मामला दर्ज किया गया। लेकिन दस माह गुजर जाने के बाद पुलिस थाना भैणी मिया खां व गुरदासपुर की पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। जब हाईकोर्ट की तरफ से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए गए तो अपने बचाव के लिए दूसरी पार्टी ने उसके ही गाव की एक महिला द्वारा 24 जुलाई 2014 को उसके पति व उसके 65 वर्षीय पिता पर दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करवा दिया।
महिला के पति ने बताया कि मेरे परिवार के साथ धक्का हो रहा है। मुझे इंसाफ देने की बजाय उसको ही दोषी बना दिया गया। वह कभी इंसाफ के लिए भटक रहा था और अब खेतों में पुलिस के डर से दिन गुजार रहा है। उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म के आरोपी पिछले दस माह से गांव में सरेआम घूम रहे हैं। उसके ससुर को पुलिस ने जेल भेज दिया। महिला ने एसएसपी गुरदासपुर व डीजीपी पंजाब से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके साथ हो रहे धक्केशाही की जांच करवाई जाए।
इस संबंध में जब पुलिस थाना भैणी मिया खां तरसेम मसीह के साथ सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि पहले हुए मामले के बारे में वह नहीं जानते। 24 जुलाई को एक महिला के बयानों पर ही मामला दर्ज किया गया है।