मैं जरूर ही करूंगी मतदान
प्रेम कतनौरिया, पठानकोट ;वर्षो से मतदान के अधिकार से वंचित व खुद को जीवित साबित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के चौखट पर भटक रही गांव भब्बर निवासी ब्यासो देवी पत्नी सुभाष चंद्र को आखिरकार जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान करने का अधिकार दे ही दिया। मतदाता पहचान पत्र पाकर अब ब्यासो देवी जहां गांव भब्बर की बाशिंदा बन गई हैं, वहीं वह 12 वर्ष बाद अपने मत का प्रयोग करेंगी। अब उन्हें स्व.सुभाष चंद्र की जीवित पत्नी होने का प्रमाण भी मिल जाएगा, जिससे वह खुद को जिंदा साबित कर सकेंगी।
मतदाता पहचान पत्र मिलने के बाद उत्साहित ब्यासो देवी ने दैनिक जागरण का आभार व्यक्त किया, वहीं जिला प्रशासन की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रशासन ने चंद दिनों में कार्यवाई पूरी कर उसे उसका अधिकार मतदाता पहचान पत्र सौंपा है।
उल्लेखनीय है कि 26 साल से पठानकोट जिले के गांव भब्बर निवासी ब्यासो देवी खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही है। ब्यासो देवी का आरोप था कि षड्यंत्र के तहत उसकी सौतन ने जहां उसका जाली मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवा कर उसे मृत साबित किया है, वहीं उसका मतदाता सूची से नाम भी कटवा दिया था।
12 अप्रैल को प्रकाशित हुई खबर
दैनिक जागरण ने 12 अप्रैल के अंक में साबह मैं जिंदा हूं.. शीर्षक से खबर प्रकाशित ब्यासो देवी पीड़ा को उजागर किया था। वहीं 14 अप्रैल के अंक में सेहत विभाग द्वारा ब्यासो देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र से छेड़छाड़ होने की आशंका को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद हरकत में आए जिला प्रशान ने वीरवार को ब्यासो देवी को उसका मतदान प्रमाण पत्र सौंप दिया।
आखिरी बार 2002 के पंचायती चुनाव में किया था मतदान
ब्यासो देवी ने बताया कि वह 12 वर्षों बाद वह अपने मत का उपयोग करेगी। उसने आखिरी बार वर्ष 2002 में पंचायती चुनावों के दौरान मतदान किया था। ब्यासो देवी ने बताया कि 12 साल बाद मिले मतदान के अधिकार को लेकर वह काफी उत्साहित है।