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फिरोजपुर की फिजाओं में ध्यान चंद की हॉकी का जादू

फिरोजपुर जिले में हाकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद की दीवानगी आज भी खिलाड़ियों की रगों में जुनून बनकर दौड़ रही है। यह जिला कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पैदा कर चुका है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 07:20 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 11:06 AM (IST)
फिरोजपुर की फिजाओं में ध्यान चंद की हॉकी का जादू

प्रदीप कुमार सिंह, फिरोजपुर। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद का जादू यूं तो दुनिया भर में रहा है, लेकिन पंजाब के एक छोटे से जिले में उनकी दीवानगी आज भी खिलाडिय़ों की रगों में जुनून बनकर दौड़ रही है। यही वजह है कि फिरोजपुर जिला हॉकी के कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पैदा कर चुका है।

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इस जुनून की शुरुआत हुई वर्ष 1941 में, जब मेजर ध्यान चंद की पोस्टिंग फिरोजपुर सैन्य छावनी की 14वीं पंजाब यूनिट में हुई। वर्तमान में जिस जगह पर शहीद भगत सिंह स्टेडियम बना है, वहां पहले नेहरू पार्क था। इसी पार्क के हॉकी ग्राउंड पर मेजर ध्यान चंद प्रेक्टिस करते थे। हॉकी स्टिक पर उनकी गजब की पकड़ और ड्रिबलिंग की स्किल्स को देखकर हर कोई हैरान रह जाता। धीरे-धीरे यहां के युवाओं में भी हॉकी के प्रति रुचि बढ़ने लगी। वे सेना के जवानों व स्थानीय लोगों के साथ घंटों प्रेक्टिस किया करते। दद्दा के नाम से मशहूर ध्यान चंद ने यहां हॉकी के ऐसे बीज बोए जो आज तक नए खिलाड़ी पैदा कर रहे हैं।

खिलाड़ियों को समझाते थे खेल की बारीकियां

पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी एचएन सिंह लाडी ने बताया कि उनके पिता साहिब सिंह गुजरांवाला (पाकिस्तान) के रहने वाले थे। बंटवारे से कई साल पहले वह फिरोजपुर में आकर बस गए। पिता साहिब सिंह ने फिरोजपुर में हॉकी को बढ़ावा देना शुरू किया। जब ध्यान चंद की यहां पोस्टिंग हुई तो उन्होंने पिता व एमईएस कांट्रेक्टर चाचा धनीराम के साथ हॉकी की प्रेक्टिस शुरू की। हालांकि लाडी कभी मेजर ध्यान चंद को खेलते हुए तो नहीं देख पाए, लेकिन उनके पिता बताते थे कि ध्यान चंद यहां घंटों प्रेक्टिस करते थे। वह खिलाडिय़ों को खेल की बारीकियां समझाते थे।

लाडी ने बताया कि जबलपुर में 1974 में पंजाब की ओर से खेलते समय उनकी मुलाकात मेजर ध्यान चंद से हुई थी, जिसमें वह बतौर चीफ गेस्ट आए थे। मुलाकात के दौरान उन्होंने फिरोजपुर से जुड़ी बातें शेयर की।

जहां ध्यान चंद खेलते थे, वहां तैयार हो रही नई पौध

जिला खेल अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि मेजर ध्यान चंद की सैन्य छावनी में तैनाती के दौरान एक फोटो मेस कांट्रेक्टर ने खींची थी, जो स्टेडियम की अमूल्य धरोहर है। राज्य सरकार यहां 11 करोड़ रुपये की लागत से हॉकी का आधुनिक एस्ट्रोटर्फ मैदान बना रही है। यहां चल रही शेरशाह वली हॉकी अकेडमी के 250 से 300 खिलाड़ी हॉकी सीख रहे हैं।

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फिरोजपुर से निकले खिलाड़ी

-स्टीफन चर्चिल ओलंपियन
-राजिंदर सिंह ओलंपियन
-हरमीक सिंह ओलंपियन
-अजीत सिंह ओलंपियन
-गगन अजीत सिंह ओलंपियन
-नवशेर सिंह विश्व कप
-दिलेर सिंह एशियन कप
-मनमीत सिंह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
-एचएन सिंह लाडी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
-रूपिंदर पाल सिंह, एशियन खिलाड़ी
-परमिंदर सिंह जूनियर इंडिया में चयन

यादगारी मैच आज

मेजर ध्यान चंद के जन्मदिन पर शहीद भगत सिंह स्टेडियम में यादगारी मैच होना था, लेकिन भारी बारिश के कारण यह नहीं हो पाया। अब यह मैच सोमवार को स्थानीय कॉलेज के मैदान में होगा।

पटियाला में संग्रहित हैं ध्यान चंद की यादें

नेता जी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोट्र्स (एनआइएस) के म्यूजियम में मेजर ध्यान चंद की अनमोल यादें संग्रहित हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद मेजर ध्यान चंद कुछ समय के लिए एनआइएस में चीफ हॉकी कोच नियुक्त रहे। इस दौरान वह राघोमाजरा के मैदान में युवाओं को हॉकी के गुर सिखाते थे। यहां मेजर ध्यान चंद के 35 पदक, एक पोस्टकार्ड, पहली वेस्टर्न एशियाटिक गेम्स 1934, ओलंपिक 1936 की टीम की फोटो, मेजर ध्यान चंद का पोटे्र्रट, डिप्लोमा की कॉपी व कई फोटोग्राफ्स संग्रहित हैं।

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