इस पाकिस्तानी मुन्नी के लिए बीएसएफ बनी बजरंगी भाईजान
एक मूक-बधिर पाकिस्तानी बच्ची हिंदी फिल्म बजरंगी भाईजान की मुन्नी की तरह भारत सीमा में आ गई। जांच पड़ताल के बाद पांच साल की इस मासूम को बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को सौंप दिया।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। हिंदी फिल्म 'बजरंगी भाई जान' की बच्ची मुन्नी की तरह पांच साल की पाकिस्तानी मूक-बधिर बच्ची भारत में आ गई। फिल्मी मुन्नी की तरह इस बच्ची को नहीं भटकना पड़ा और उसके लिए बजरंगी भाई बने बीएसएफ के जवान। बीएसएफ ने बच्ची को पाकिस्तानी रेंजरों को सौंप दिया है।
हिट बॉलीवुड फिल्म बजरंगी भाईजान में जिस तरह यह पाकिस्तानी मूक बधिर लड़की गलती से भारत में रह गई थी। भारतीय अपनी जान पर खेलकर उसके वतन पहुंचाता है, उसी तरह पाकिस्तान की पांच साल की बच्ची गलती से भारतीय सीमा में आ गई। वह अधिक भटकती उससे पहले ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को मिल गई। जांच के बाद उसे रविवार को बच्ची को मानवता के आधार पर पाकिस्तानी रेंजरों को सौंप दिया गया। पाकिस्तानी रेंजरों ने इस उदारता व इंसानियत के लिए बीएसएफ का शुक्रिया अदा किया।
बीएसएफ ने मूक बधिर पांच वर्षीय बच्ची को लौटाया, पाक रेंजर्स के माध्यम से परिवार तक पहुंची
घटना अबोहर सेक्टर के अंतर्गत भारत-पाक सीमा की चौकी नत्था सिंह वाला क्षेत्र की है। 5 फरवरी को सुबह करीब 10 बजे तार पार खेती करने गए भारतीय किसानों के साथ गए बीएसएफ जवानों व किसानों को यह छोटी बच्ची पाकिस्तानी सीमा से भारतीय सीमा की ओर आती दिखी। भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर बीएसएफ की 117 बटालियन के जवानों ने उसे अपने कब्जे में ले लिया और उससे पूछताछ करने का प्रयास किया।
बच्ची को रविवार को पाकिस्तानी रेंजर को साैंपता बीएसएफ का जवान।
पूछताछ मे जब वह कोर्इ जवाब नहीं दे रही थी तो पता चला कि वह मूक व बधिर है। मूक-बधिरों से इशारों में बातचीत करने वालों के प्रयास के वाबजूद उसका नाम व पता नही मालूम हुआ। इसके बाद, भारतीय अधिकारियों ने पाक रेंजर्स को सूचना दी। थोड़ी देर बाद पता चला कि वह बच्ची पाकिस्तानी ही है और उसके गायब होने के चलते उसके परिजन उसकी तलाश करते हुए भारत -पाकिस्तरन सीमा पर पहुंचे हैं।
बीएसएफ के प्रवक्ता डीआइजी आरएस कटारिया ने बताया कि कुछ जरूरी जांच के बाद सीसुब द्वारा पाकिस्तानी लड़की को मानवीय आधार पर रविवार को पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंप दिया गया। पता चला है कि इसके बाद उसे उसके परिवार को हवाले कर दिया गया।