शिक्षा विभाग की तबादला नीति दो बार फेल
अमृत सचदेवा, फाजिल्का
पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का दम भले ही सरकार व आला अधिकारी भरें, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली में कहीं भी इसकी झलक नहीं दिखती है। कुछ इसी तर्ज पर चल रही है पंजाब के शिक्षकों की तबादला नीति। शिक्षामंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने 31 मई तक सभी अध्यापकों व शिक्षकों के तबादले की घोषणा की थी। इसके बाद 30 जून तक सभी इंटर डिस्ट्रिक तबादले कर देने की घोषणा की गई। सारी कवायद के बाद तबादलों की दो डेडलाइन निकल चुकी हैं। दूसरी ओर विभाग की इस लेटलतीफी से राज्य भर के अध्यापकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब में होने वाले तबादले छुट्टियों के दौरान ही किए जाने थे। स्कूल खुलने के बाद होने वाले तबादलों से बच्चों की पढ़ाई में काफी समस्याएं आती हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यह स्थिति तब है जब राज्य कर्मचारियों से अलग शिक्षकों के लिए तबादला नीति बनी है। दूसरी ओर तबादलों के लेट होने के संबंध में विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिलास्तर पर होने वाले तबादलों के अधिकार जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए। लेकिन इसकी सभी सूचियां ऐन मौके पर चंडीगढ़ भेजने को कहा गया। ऐसे में जून माह में अपने नजदीकी स्टेशनों पर तबादले के इच्छुक शिक्षकों का स्कूल की छुट्टियां खत्म होने के बाद भी इंतजार खत्म नहीं हुआ है।
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तबादलों को सक्रिय हुए दलाल
फाजिल्का : तबादला करवाने के इच्छुक शिक्षकों से सत्ता व उच्चाधिकारियों में पैठ रखने वाले दलाल सक्रिय हो गए हैं। दूरी व जरूरत के हिसाब से 50 हजार से एक लाख रुपये तक की शिक्षकों से डिमांड की जा रही है। विभाग की लेट लतीफी से शिक्षक दलालों के आगे मजबूर दिख रहे हैं।
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मंजूरी के बाद जारी होगी तबादला सूची : अधिकारी
फाजिल्का: जिले के अंदर होने वाले तबादलों के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी संदीप धूड़िया ने बताया कि सूचियां तैयार हैं। विभागीय मंजूरी के बाद लिस्ट जारी कर दी जाएगी। तबादले करवाने के लिए सक्रिय दलालों के संबंध में उन्होंने कहा कि उनके नोटिस में ऐसा नहीं है। अगर कोई दलाल अध्यापकों से पैसे मांगता है तो वह उसकी सीधी शिकायत करें।
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