शहादत दिवस पर शहीदों को किया नमन
दर्शन ¨सह, हुसैनीवाला बार्डर (फिरोजपुर) हुसैनीवाला बार्डर स्थित देश के महान शहीद शहीद-ए-भगत ¨सह, र
दर्शन ¨सह, हुसैनीवाला बार्डर (फिरोजपुर)
हुसैनीवाला बार्डर स्थित देश के महान शहीद शहीद-ए-भगत ¨सह, राजगुरु व सुखदेव की शहादत को सलाम करने के लिए हर साल की भांति इस बात भी लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। शहीदी स्थल पर होने वाले कार्यक्रम के दौरान भले ही लोगों का जमावड़ा कम देखने को मिला, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया लोगों की भीड़ बढ़ती गई।
कई जगह अधूरे दिखे प्रशासनिक प्रबंध
प्रशासनिक प्रबंधों की बात करें तो कुछ हद तक अधूरे देखे गए। पेयजल की समस्या शहीदी स्थल की तरफ जाने वाले रास्ते पर जरूर देखने को मिली। हालांकि प्रशासन की तरफ से पेयजल के प्रबंध करने का दावा किया गया था ।
पुख्ता दिखे सुरक्षा प्रबंध
ट्रैफिक समस्या का रखा गया ध्यान सुरक्षा प्रबंधों की बात करें तो पुलिस प्रशासन के प्रबंध पुख्ता नजर आए खासकर ट्रैफिक समस्या को दूर करने का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया। पुलिस की गस्त करती एक के बाद गाड़ी लोगों की हिफाजत के लिए सड़क पर दौड़ रही थी। जगह पर जगह पुलिस कर्मचारी तैनात हुए देखे जा सकते थे।
बसों व ट्रेनों की सुविधा रही बरकरार
सस्ती व कम समय में आवाजाही की सुविधा का लोगों का दिनभर फायदा मिलता रहा। जहां बस आधे घंटे बाद फिरोजपुर शहर व छावनी से चलती रहीं वहीं रेलवे विभाग की डीएमयू भी घंटे बाद लाहौर जाने वाले ट्रैक पर दौड़ती देखी गई। दूर-दराज से आने वाले लोगों को मात्र 10 रुपये में ही यह सुविधा दी जा रही थी।
खूब उठाया लोगों ने मेले का लुत्फ
शहीदी दिवस पर आयोजित मेले का विभिन्न जगहों से आए लोगों ने खूब आनंद लिया। खाने पीने के सामान के साथ बो¨टग का भी मजा लिया। इसके शहीदी स्थल के निकट स्थित पार्क में विभिन्न व्यंजनों के स्टाल लगे देखने को मिल रहे थे। लंगर की भी व्यवस्था संस्था की तरफ से की गई थी ।
मधुमक्खियों का दिखा कहर
प्रशासनिक प्रबंधों की बात करें तो अधिकारियों की लापरवाही साफ देखने को मिली। कारण यह था कि जहां पर शहीदों की समाधि व प्रतिमाएं थीं वहां पर बने तालाब पर लोगों खासकर बच्चों को नहाते देखा गया, लेकिन किसी ने भी उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया। मधुमक्खियों का कहर भी दोपहर बाद उस समय देखने को मिला जब अचानक उड़ी इन मक्खियों ने लोगों को काटने शुरू कर दिया। देखते ही देखते लोगों में भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने में लगे रहे। हालांकि इस दौरान किसी के गंभीर रूप से घायल होने की बात सामने नही आई ।
कुछ लोग शहीदों का सम्मान करना भी भूले
हालांकि शहीदों की शहादत को सलाम करने के लिए लोग शहीदों की प्रतिमा व समाधि के आगे नतमस्तक हो रहे थे, लेकिन इस दौरान वह यह बात भूल गए कि शहीदों का सम्मान जूते उतार कर किया जाता है। प्रबंधकों की तरफ से विशेष रूप से गेट के बाहर लिखकर भी लगाया गया था, मगर इस बात से अनजान लोग जूतों के साथ प्रतिमा के आगे फोटो ¨खचवाते नजर आए।