स्वाइन फ्लू से घबराएं नहीं, बल्कि सावधानी बरतें : धामू
संवाद सहयोगी, फाजिल्का सिविल सर्जन डॉ. बलजीत सिंह के दिशानिर्देश व एसएमओ डॉ. राजेश शर्मा की अध्यक्
संवाद सहयोगी, फाजिल्का
सिविल सर्जन डॉ. बलजीत सिंह के दिशानिर्देश व एसएमओ डॉ. राजेश शर्मा की अध्यक्षता में डबवाला कला के अंतर्गत आते गावों में आशा वर्करों व आंगनबाड़ी वर्करों की बैठक आसफवाला व टाहलीवाला बोदला में हुई। बैठक में विभाग द्वारा जिले के अधिकारियों ने स्वाइन फ्लू बीमारी के बारे में फील्ड स्टाफ को जागरूक किया गया। इसके अलावा घरों में प्रसूति रोकने, हाई रिस्क प्रेगनेंसी के अलावा अन्य सेहत प्रोग्राम के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में ब्लॉक के हेल्थ वर्कर, एलएचवी, एएनएम व आशा सुपरवाइजर भी मौजूद थे। गाव आसफवाला में डिप्टी मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने बताया कि स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि यह एक वायरल बीमारी है, जो पाच दिन में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन अंदरूनी तौर पर बीमार व बुजुर्गो के अलावा शुगर, दमा व प्रेगनेंसी में स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा होता है। मास मीडिया अधिकारी सुखमिंद्र सिंह बराड़ ने स्वाइन फ्लू के लक्षणों, बचाव व इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा बीमारी के संबंधी सावधानियों का जिक्र करते हुए फील्ड को बताया कि छिकते हुए मुंह पर रुमाल, भीड़भाड़ वाली जगह से परहेज, खुले में न थूके, खाना खाने से पहले हाथ धोना, हाथ मिलाना, चूमना, गले मिलना आदि से परहेज रखें। बीईई दिवेश कुमार ने बताया कि पहले गुरुद्वारों के माध्यम से गावों में स्वाइन फ्लू संबंधी अनाउसमेंट करवाई जाती थी। इसके अलावा बैठक में सुरक्षित प्रसूति के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि घर में प्रसूति की बजाय सरकारी अस्पतालों में ही करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी डिलीवरी स्थानों पर प्रशिक्षित स्टाफ होता है। उन्हें मां और बच्चे की देखभाल की सारी ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि मां व बच्चे की मृत्यु दर को रोका जा सके। कार्यक्रम में कैंसर के बारे में भी बताया गया। इस मौके पर एलएचवी दिमला मसीह, मायादेवी, हैल्थवर्कर रविंद्र शर्मा, एएनएम रीटा कुमारी, रूपिंद्र कौर, जसविंद्र कौर आदि मौजूद थे।