फाजिल्का के धोबीघाट मोहल्ले में गंदगी ही गंदगी
अमृत सचदेवा, फाजिल्का धोबीघाट मोहल्ले में से गुजरने वाले गंदे नाले जिसे नगर कौंसिल ने अंडर ग्राउंड
अमृत सचदेवा, फाजिल्का
धोबीघाट मोहल्ले में से गुजरने वाले गंदे नाले जिसे नगर कौंसिल ने अंडर ग्राउंड कर दिया है, के आसपास जमा कई टन कचरा उठाने की जहमत पिछले कई महीने से न तो कौंसिल ने उठाई है और न ही कचरा उठाने वाली निजी जिंदल कंपनी ने। आलम यह है कि धोबीघाट मोहल्ले के सैकड़ों परिवार गंदगी से फैलने वाली बीमारियों के साये में जीने पर मजबूर हैं।
धोबीघाट मोहल्लावासियों मदन लाल, अशोक कुमार व प्रदीप सचदेवा ने शनिवार को इस पत्रकार को बताया कि पहले मोहल्ले में से निकलने वाले गंदे नाले से उठने वाली भयंकर बदबू के चलते मोहल्लावासी परेशान थे और अब नाले की जगह अंडरग्राउंड पाइप डाल दी गई है, लेकिन पाइपलाइन पहले से बने नाले के एक तरफ डाली गई है और सैकड़ों फुट नाला अभी भी खुला है। उस नाले में जमा पानी की निकासी बंद है और पहले से भरे गंदा पानी ने उसमें गिरे कचरे से अब दल दल का रूप धारण कर लिया है। वहीं, आसपास के मोहल्ले के लोगों द्वारा अपने घरों का कचरा भी उसी गंदे नाले के आसपास फेंका जाता है। नाले के आसपास बने मकानों के बाशिंदे कई बार लोगों को रोकने के साथ साथ सफाई कर्मियों को कूड़ा हटाने के लिए कह चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। इसके चलते उन्हें गंदगी के ढेरों में जीवन यापन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने देश भर में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत उनके मोहल्ले में खुले पड़े गंदे नाले और उसके आसपास जमा कचरे को हटाने की नगर कौंसिल से मांग की है।
लोग खुद फेंकते हैं कूड़ा
फाजिल्का: इस बारे में शनिवार को पूछे जाने पर नगर कौंसिल के सेनेटरी इंसपेक्टर नरेश खेड़ा ने कहा कि लोग जिंदल कंपनी के कूड़ा उठाने आने वालों को पैसे देने से बचने के लिए अपने घरों का कूड़ा गंदे नाले में फेंकते हैं। चूंकि नाला रिहायशी आबादी के पीछे स्थित है इसलिए वहां से कचरा उठाने की जिंदल कंपनी की जिम्मेवारी नहीं है। कौंसिल समय समय पर वहां से कूड़ा हटवाती है, लेकिन लोग फिर से वहां कूड़ा फेंक गंदगी फैला देते हैं।