कोचिंग सेंटरों में कोचिंग देने लगे सरकारी अध्यापक!
नरिंदर सलूजा, श्री मुक्तसर साहिब
सरकारी अध्यापकों, लेक्चररों व प्रोफेसरों द्वारा दोहरे लाभ के चक्कर में टयूशन पढ़ाना आम बात हो गई है। जिले में टयूशन पढ़ाने वाले किसी भी अध्यापक व प्रोफेसर के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई न किए जाने की सूरत में यह क्रम धड़ल्ले से जारी है। शिक्षा विभाग व प्रशासन की लापरवाही से इन लोगों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि जिले में लगभग हर कस्बे व शहर में प्राइवेट अकादमियों का बोलबाला हो गया है। मुंह मागे दामों पर विद्यार्थियों की कोचिंग के नाम पर हो रही इस आर्थिक लूट को लेकर विभाग सब कुछ देखकर भी मूकदर्शक बना बैठा है।
गौरतलब है कि क्षेत्र में नेट, पी टेट व सी टेट की कोचिंग के नाम पर खुले विभिन्न सेंटरों में विद्यार्थियों की अच्छी खासी लूट हो रही है। इन कोचिंग सेंटरों में सरकारी अध्यापक व प्रोफेसर अपने स्कूल कालेज के समय के बाद कोचिंग देते हैं। प्रदेशभर के बेरोजगार अध्यापक नौ जून को होने वाले टीचर एलीजीबल्टी टेस्ट को पास करने के लिए इन सेंटरों का सहारा ले रहे हैं। अधिकांश कोचिंग सेंटरों में तो अध्यापक कमाई करने के लिए स्कूलों से लंबी छुट्टी भी लिए हुए हैं। यही नहीं, बहुत से ऐसे अध्यापक व लेक्चरर भी कोचिंग दे रहे हैं जिन्होंने खुद नेट, पी टेट व सी टेट क्लीयर ही नहीं किया हुआ है। श्री मुक्तसर साहिब में मलोट रोड, कोटकपूरा रोड व थांदेवाला रोड के किनारे विभिन्न कोचिंग सेंटरों के अलावा गिद्दड़बाहा, लंबी व मलोट में मिलाकर करीब तीन दर्जन से भी अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। इन सेंटरों में तीन से सात हजार रुपये लेकर 45 दिनों की कोचिंग दी जाती है तथा कोचिंग चाहे कितने दिन भी ली जाएं, पूरी फीस एडवांस वसूल ली जाती है। ये सेंटर शिक्षा के अधिकार(आरटीई) कानून की धज्जियां उड़ाने के साथ इनकम टैक्स विभाग को भी चूना लगा रहे हैं।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) दविंदर राजोरिया ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई, शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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