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पिता ने 70 साल पहले सरकार को दान कर दी 300 एकड़ जमीन, अब पुत्र ने वापस मांगा

पंजाब के गुरुहरसहाय में एक अजीब मामला सामने आया है। यहां हाई कोर्ट के एक पूर्व जस्टिस व पूर्व लोकपाल ने 70 साल पहले दान दी गई परिवार की जमीन वापस मांगी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 12:06 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 12:06 AM (IST)
पिता ने 70 साल पहले सरकार को दान कर दी 300 एकड़ जमीन, अब पुत्र ने वापस मांगा
पिता ने 70 साल पहले सरकार को दान कर दी 300 एकड़ जमीन, अब पुत्र ने वापस मांगा

गुरुहरसहाय, [दीपक वधावन]। यहां एक बेहद रोचक मामला सामने आया है। यहां हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस और पंजाब के पूर्व लोकपाल ने 70 साल पहले दान दी गई परिवार की जमीन वापास मांगी है। गुरुहरसहाय नगर काउंसिल के वर्षों तक प्रधान रहे गुरु कर्मसिंह सोढी ने करीब 300 एकड़ यह जमीन सरकार को दान दी थी। यह जमीन अब उनके पुत्र पंजाब के पूर्व लोकपाल एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसएस सोढी ने वापस मांगी है। दावेदारों में एसएस सोढी के भाई रिटायर ब्रिगेडियर एचएस सोढी का देहांत हो चुका है।

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हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस ने वापस मांगी दान दी परिवार की जमीन

कर्म सिंह सोढी के जीवित रहते ही इस जमीन पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर सिविल अस्पताल, पुलिस स्टेशन, हाई स्कूल सहित पंचायत समिति दफ्तर आदि भवनों का निर्माण करवाया। उनके देहांत के बाद हाल ही में वारिसों ने जमीन वापस करने के लिए सरकार को नोटिस भेजा है। हालांकि, यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। नोटिस में उन्होंने कहा है कि यह 300 एकड़ जमीन उनके पिता ने दान दी थी। इसलिए इसे लौटाया उन्हें जाए।

सेहत विभाग ने किया कुछ जमीन लौटाने का समझौता, मंत्री बोले- जांच करेंगे

अब फिरोजपुर कैंट निवासी डेविड जैन ने आरोप लगाया है कि जमीन के वारिस अफसरों के साथ मिलीभगत कर जमीन का कुछ हिस्सा वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं। इसे लेकर समझौता भी हुआ है, जबकि कानूनन दान की हुई जमीन वापस नहीं ली जा सकती। डेविड जैन ने बताया कि वर्ष 2017 में उन्होंने इस मामले की शिकायत चीफ सेक्रेटरी पंजाब से की थी। इसकी जांच डीसी फिरोजपुर के पास पेंडिंग है।

उनका कहना है कि इसके बावजूद अधिकारियों का समझौता मिलीभगत की तरफ इशारा करता है। डेविड के दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि सिविल अस्पताल गुरुहरसहाय के एसएमओ समझौते के तहत कुछ जमीन वापस देने की बात पर सहमत हैं। वहीं, गुरुहरसहाय पुलिस स्टेशन की प्रमुख दीवार के साथ लगती खाली जमीन लौटाने की भी कोशिश जारी है।

निचली अदालत के फैसले को सरकार ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती

वारिसों ने निचली अदालत में भी दावा किया था, जिस केस को वे जीत गए थे, लेकिन सेहत विभाग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस पर सुनवाई पेंडिंग है। गुरु कर्म सिंह सोढी ने यह जमीन 1950 से 1965 के बीच दान दी थी।

लिखित रिकॉर्ड न होने के चलते करना पड़ा समझौता : एसएमओ

गुरुहरसहाय सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. हुसन पाल ने बताया कि सेहत विभाग के पास दान में मिली जमीन का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं था। सेहत विभाग को गुरु कर्म सिंह सोढी के वारिसों के साथ समझौता करना पड़ा। इसमें गुरुहरसहाय के सिविल अस्पताल से फरीदकोट रोड तक प्रमुख दीवार से सटी 100 फीट फ्रंट व 40 फीट लंबाई तक की जगह देना सुनिश्चित हुआ है। 

खाली जमीन वापस देने पर समझौता: थाना प्रभारी

थाना गुरुहरसहाय के प्रभारी जसवरिंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस के पास दान की जमीन का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं था। इससे विभाग ने वारिसों के साथ समझौता किया है। इसमें थाने की बनी बिल्डिंग को छोड़कर फ्रंट पर बचती खाली जमीन वापस दी जानी है।

एसएमओ नहीं कर सकते समझौता : सेहत मंत्री

सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह इस मामले के बारे में नहीं जानते। हम इसकी तह तक जाएंगे। ऐसे मामले में एसएमओ को अपने स्तर पर समझौता करने का कोई अधिकार नहीं है। मामले की जांच की जाएगी।

ट्रॉमा सेंटर पर रोक लगाने की एवज में समझौता: सतीश चंद्रा

सेहत विभाग के पूर्व सचिव सतीश चंद्रा उस वक्त फिरोजपुर के डीसी थे। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर बनाते वक्त वारिसों ने रोक लगाई थी। इससे उन्हें समझौता करना पड़ा। हाईकोर्ट में केस विचाराधीन है।


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