साधना सामायिक से मन वाणी और शरीर की शुद्धि होती है है: विमल
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़ सामायिक का अर्थ समता की साधना। सामायिक एक अद्भुत रसायन है,
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़
सामायिक का अर्थ समता की साधना। सामायिक एक अद्भुत रसायन है, जिससे मन वाणी और शरीर की शुद्धि होती है। सामायिक एक समता बल है जिसके घर में यह होती है उसके घर में अखूट खजाना होता है। उक्त प्रवचन न्यू शास्त्री नगर स्थित गायत्री योग आश्रम में शनिवार को आयोजित सत्संग दौरान स्वामी विकास चंद विमल ने कहे। उन्होंने कहा कि सामायिक संवर और शोधन की संयुक्त प्रक्रिया है। सामायिक समता का अभास देती है। प्रतिकूलताओं के बीच संतुलन देती है। विवादों को शांत करती है इंद्रियों को अंतर्मुखी बनाती है। जीवन में सामायिक की उपासना का महत्तवपूर्ण स्थान है। सामायिक समस्या भीतर की सुखद अनुभति है। वर्तमान की प्रत्येक समस्या का समाधान है। समता, सुंतलन इसके लिए आवश्यक है सामायिक का अभास। उन्होंने आगे कहा कि अपेक्षा की उपेक्षा जब होता है तब क्रोध आता है। क्रोध का एक कारण यह भी है कि जिस पर अधिकार होता है तब गुस्सा आता है। उन्होंने कहा कि क्रोध हमारी आत्मा को कलुषित कर देता है आज प्रत्येक व्यक्ति को क्रोध आता है यह क्यों आता है इसके कई कारण है। पहला कारण क्रोध हमारे अंतर भरा होता है इंसान कतहा है उसने मुझे गुप्सा दिलाया पर गुस्सा तो अंदर ही होता है तो बाहर आता है। इस मौके बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे जिन्होंने स्वामी जी के प्रवचनों का आनंद उठाया।