अच्छा व्यवहार करें जिससे दूसरों की भावना आहत न हो : स्वामी विमल
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़ गायत्री योग संस्थान आश्रम में स्वामी विकास चंद विमल के सानिध्य में
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़
गायत्री योग संस्थान आश्रम में स्वामी विकास चंद विमल के सानिध्य में 28 मार्च से 5 अप्रैल तक जन-जन के कल्याण हेतु गायत्री जप, साधना यज्ञ, श्रीमद्भागवत कथा, भजन कीर्तन एवं प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है। स्वामी विमल ने बताया कि वेदों में भी नवरात्र साधना का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। हमारे ऋषियों-मुनियों एवं वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रीष्म एवं शरद ऋतु की संधि वेला में नवरात्र पर्व पर जप, तप, व्रत, दान एवं साधना द्वारा शरीर को निरोग एवं दीर्घजीवी बनाकर आनंदमय जीवन जीने का उत्तम उपाय है। यज्ञ द्वारा अनेकों रोग जैसे मधुमेह, दमा, उच्च रक्तचाप, पीलिया, जोड़ों का दर्द, एनीमिया, त्वचा रोग, हृदय रोग, मानसिक परेशानियों आदि का समाधान होता है। स्वामी ने यह भी बताया कि गायत्री आश्रम में प्रतिदिन प्रात: साढे 6 से 7.30 बजे 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ, पूजन एवं प्रवचन तथा सायं 4 से 6.30 बजे तक प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा का कार्यक्रम होगा। अपने प्रवचनों में कहा कि हम अपने जीवन में कभी न कभी इनमें से किसी न किसी स्थिति से गुजरते ही हैं। ऐसे में जब आप दूसरों के साथ बेहतर ढंग से पेश आयेंगे ,तो जैसा कि क्रिया के बीच प्रतिक्रिया होती है। आपको भी बदले में वैसा ही व्यवहार मिलेगा । जब हम दोस्तों, ग्राहकों, मालिकों, कर्मचारियों परिवार के सदस्य आदि किसी के भी मनोभावों को खुद भी महसूस करते हैं। ऐसे में जब आप दूसरों के साथ बेहतर ढंग से पेश आयेंगे, तो जैसा क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। आपको भी बदले में वैसा ही व्यवहार मिलेगा। आज के जमाने में बिना दोस्ताना स बंध बनाए किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है न ही समाज व राष्ट्र के स्तर पर । इसलिए व्यक्तिगत स्तर पर इसके लिए प्रयत्नशील रहें। जितना जरूरी अपने काम में दक्षता प्राप्त करना है। उतना ही जरूरी आपसी तालमेल का बनाये रखना है। वर्तमान परिवेश में यही सफलता का मूलमंत्र है। सोच विचार कर व्यवहार करना ही चाहिए ताकि दूसरे की भावना आहत न हो।
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कैप्शन - नवरात्रि साधना की जानकारी देते स्वामी विकास चंद विमल।