एटीएम में लगी कतारें, लोगों का हाल-बेहाल
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़ नोटबंदी के बाद लोगों को नोट बदलवाने व निकालने के लिए बैंकों व एटीएम
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़
नोटबंदी के बाद लोगों को नोट बदलवाने व निकालने के लिए बैंकों व एटीएम के धक्के खाने पड़ रहे हैं। 23 दिन बीत जाने के बावजूद भी लोहानगरी मंडी गो¨बदगढ़ में लोगों को पर्याप्त कैश नहीं मिल रहा। अधिकतर एटीएम या तो बंद है और चलते भी हैं तो कुछ समय के बाद उसमें कैश खत्म हो जाता है। ये नजारा मेन बाजार स्थित सरकारी बैंकों स्टेट बैंक आफ पटियाला, पंजाब नेशनल बैंक, करूर वैश्य बैंक, एचडीएफसी, स्टेट बैंक आफ इंडिया समेत अन्य बैंकों का भी है। जहां लोगों का लंबी कतारों से हाल बेहाल है। हालात तब और भी बदतर हो जाते हैं जब घंटों लाइनों में खड़े लोगों को ये पता चलता है कि बैंक या एटीएम में कैश खत्म हो गया।
बैंकों के गेट व एटीएम पर प्रतिदिन हो रही तकरार
बैंकों में पर्याप्त कैश नहीं मिलने से गुस्साए लोग अकसर लाइनों में खड़े होकर तकरारबाजी तक पहुंच जाते है। जिसमें महिलाओं के लिए अलग से लगाई लाइन भी एक ही गेट से होकर जाती है। ये हालात पिछले 23 दिनों से शहर के बैंकों व एटीएम के समक्ष जारी हैं। जिससे लोग मोदी सरकार को कोसते नजर आते हैं।
शहर में नकदी चेंज को लेकर दिनभर रहती है मारामारी
छोटो नोटों की किल्लत के चलते लोगों की रोजमर्रा की ¨जदगी काफी धीमी हो गई है। जबकि 2 हजार का नोट व पुरानी करंसी की कशमकश में फंसे लोगों का ज्यादातर वक्त इसी को लेकर गुजरता है। लोग आरोप लगाते हैं कि नोटबंदी पर भाजपा सरकार फेल हो चुकी है क्योंकि जो सामने आ रहा है उसमें इक्का-दुक्का केसों के बाद कहीं कोई कालाधन नहीं पकड़ा गया। लेकिन देश की जनता दो वक्त की रोटी के लिए जरूरी नकदी भी हासिल नहीं कर पाती। जिससे बच्चों की फीसों से लेकर राशन, दवाइयां सबसे बड़ी प्रमुख समस्या है।
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कैप्शन- मंडी गो¨बदगढ़ के बैंक के बाहर नई करंसी लेने के लिए खड़े लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए।