पंजाब पीएमटी रिजल्ट पर भी खतरे के बादल
जाब पीएमटी की 17 मई को हुई परीक्षा पर भी संकट के बादल नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को इस परीक्षा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने दो छात्रों को इस परीक्षा का पेपर व एनसीआरटी की किताब देकर सही उत्तर सर्च करने को कहा। लगभग दो घंटे तक बच्चों ने सर्च करके पाया कि कुल 200 सवाल में से 35 ऐसे हैं जिनके एनसीआरटी की किताब में ही दो-तीन जवाब हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब पीएमटी की 17 मई को हुई परीक्षा पर भी संकट के बादल नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को इस परीक्षा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने दो छात्रों को इस परीक्षा का पेपर व एनसीआरटी की किताब देकर सही उत्तर सर्च करने को कहा। लगभग दो घंटे तक बच्चों ने सर्च करके पाया कि कुल 200 सवाल में से 35 ऐसे हैं जिनके एनसीआरटी की किताब में ही दो-तीन जवाब हैं।
बेंच ने इस विसंगति पर आश्चर्य जताते हुए प्रश्न पत्र पर सवाल उठाया। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इससे साबित होता है कि प्रश्न पत्रों में त्रुटि है तो फिर इन गलतियों के आधार पर दिए गए अंक में भी खामियां होंगी। ऐसे में परीक्षा को रद कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करनी चाहिए।
कोर्ट का समय खत्म हो जाने के कारण हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट कोर्ट पेश नहीं हो सकी। विशेषज्ञ सोमवार को बेंच के सामने अपनी रिपोर्ट देंगे। जस्टिस आरके जैन ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी को भी इस मामले पर जवाब देने को कहा है।
इस मामले में रितिका समेत 32 उम्मीदवारों ने फरीदकोट स्थित बाबा फरीद यूनिवर्सिटी द्वारा पंजाब पीएमटी के लिए 17 मई को आयोजित की गई परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। उनके द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यह परीक्षा नियमों को ताक पर रख कर आयोजित की गई। पूरी परीक्षा प्रकिया व आयोजित करने वाली एजेंसी का पूरा रिकार्ड समन किया जाए।
याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवा कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया कि पंजाब में 14 मेडिकल कालेज की 1000 सीट के लिए परीक्षा में तय मानकों को अनदेखा कर केवल जालंधर स्थित लवली प्रोफेशनल प्राइवेट युनिवर्सिटी को एकमात्र सेंटर बना दिया। परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों में त्रुटि और परीक्षा का संचालन अस्त व्यस्त तरीके से हुआ जिस कारण योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए।