सूख रही हमारी सुखना
------- बलवान करिवाल, चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल की लाइफलाइन सुखना लेक पर इस बार गर्मी कहर ब
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बलवान करिवाल, चंडीगढ़
सिटी ब्यूटीफुल की लाइफलाइन सुखना लेक पर इस बार गर्मी कहर बनकर टूट रही है। पिछले एक महीने में सुखना का जलस्तर दो फीट गिर गया है। एक महीने में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। 20 मार्च को ट्यूबवेल से पानी बंद करने के समय सुखना का जलस्तर 1154 फीट था, जो अब दो फीट कम होकर लगभग 1152 फीट रह गया है। सामान्य जलस्तर लगभग 1157 से 58 फीट के बीच होना चाहिए। जब पानी 1160 फीट के आसपास होता है तो माना जाता है कि सुखना का जलस्तर काफी अच्छा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा उतनी ही तेजी से सुखना का जलस्तर नीचे आता जाएगा। इन दिनों तेज गर्मी में रोजाना वाष्पीकरण से करीब चार इंच पानी कम हो रहा है। मई का महीना सुखना के लिए इससे भी खतरनाक साबित होगा। जलस्तर कम होने से वीड भी फन उठाने लगी है।
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बोटिंग भी हो जाएगी बंद
इतनी तेजी से जलस्तर गिरता रहा तो बोटिंग पर भी रोक लगानी पड़ेगी। पहले ही क्रूज बोट पानी की कमी की वजह से कई जगह फंसने लगी है। इस कारण क्रूज बोट का राउंड छोटा करना पड़ा है। साथ ही 25 लोगों की क्षमता को भी 10 करना पड़ा है। बोटिंग बंद होने से निगम को रोजाना डेढ़ लाख रुपये का नुकसान भी होगा। लेक पर बोटिंग आय का बड़ा स्रोत है।
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अब बारिश पर ही आस
सूखती सुखना को अब केवल अच्छी बरसात की ही आस है। मानसून ही सुखना की खुशियां वापस लौटा सकता है। पिछले कई वर्षो में बारिश का प्रतिशत भी कम रहा है। इस कारण सुखना की प्यास बुझ नहीं सकी। चंडीगढ़ के आसपास तो अच्छी बारिश हुई, लेकिन चंडीगढ़ में एक साथ होने की बजाए किसी-किसी जगह बारिश हुई। हालांकि, मौसम विभाग ने इस साल अच्छे मानसून की संभावना जताई है।
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सुखना बचाने के लिए बनेगी अथॉरिटी
सुखना लेक को बचाने के लिए यूटी प्रशासन एक अथॉरिटी बनाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को यह अथॉरिटी बनाने के आदेश दिए हैं। यह अथॉरिटी सुखना के लिए स्वतंत्र तौर पर काम करेगी।
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2012 में पूरी सूख गई थी
इससे पहले वर्ष 2012 में सुखना लेक पूरी सूख गई थी। उस वक्त सुखना का वॉटर लेवल 1150 फीट पर आ गया था। उस वक्त बोटिंग भी बंद करनी पड़ी थी और हाल यह हो गया था कि कुछ अधिकारियों ने बारिश के लिए सुखना लेक के बीच में हवन करवाया था।
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बारिश का पानी पहुंचने में भी बाधा
सुखना लेक में बारिश ही एक मात्र पानी का स्रोत है। कैचमेंट एरिया में होने वाली बारिश का पानी ही सुखना में पहुंचता है। सुखना चो और कासल चो की भी नियमित सफाई न होने से इनमें भी पौधे और झाड़िया उग आती हैं। इससे कैचमेंट एरिया का पानी डायवर्ट हो जाता है या रुक जाता है। यदि 15 से 20 एमएम बारिश होती है तो उसका पानी सुखना तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों पर एक अथॉरिटी बनाई जाएगी। यह अथॉरिटी ही सुखना से जुड़े सभी काम देखेगी। गर्मी बढ़ने से सुखना का जलस्तर काफी कम हुआ है। जो भी जरूरी होगा वह करेंगे।
- अनुराग अग्रवाल, होम सेक्रेटरी, चंडीगढ़।