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स्टूडेंट सेंटर पर एसएफएस और एबीवीपी में झड़प होते-होते बची

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट फॉर सोसायटी और एबीवीपी कार्यकर्ताअ

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 03:00 AM (IST)
स्टूडेंट सेंटर पर एसएफएस और एबीवीपी में झड़प होते-होते बची
स्टूडेंट सेंटर पर एसएफएस और एबीवीपी में झड़प होते-होते बची

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट फॉर सोसायटी और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच शनिवार दोपहर झड़प होते-होते बची। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से नई दिल्ली के रामजस कॉलेज में की जा रही कथित गुंडागर्दी के खिलाफ स्टूडेंट सेंटर पर जब एसएफएस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे, तो एसएफएस के प्रेसिडेंट दमनप्रीत ने आलोचना करते हुए कहा कि एबीवीपी का राष्ट्रप्रेम कुछ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को रौंदना है। ये राष्ट्रवाद तब दिखाई नहीं दिया, जब मोदी सरकार ने शिक्षा का बजट घटा दिया। दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचारों को उठाना चाहिए और यूनिवर्सिटी में इनका जिक्र होना चाहिए। दमनप्रीत सिंह ने नेशनल ह्यूंमन राइट कमीशन की बस्तर रीजन पर आई रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यहां सिक्योरिटी फोर्स ने 16 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया है। अन्य नेताओं ने कहा कि एबीवीपी चूंकि जोर जबरदस्ती करने वाला संगठन है, लिहाजा ये वार्ता या चर्चा से दूर भागते हैं। एबीवीपी व संघ परिवार के खिलाफ सबको मिलकर आवाज उठानी चाहिए। सुरक्षा कर्मियों पर दुष्कर्म के आरोप पर जीसीजी-11 की छात्रा व एबीवीपी कार्यकर्ता अंबिका सामने आ गई। वह रोने लगी और उसने कहा कि वह खुद पेरामिलिट्री फोर्स के जवान की बेटी है। उसने एसएफएस कार्यकर्ताओं से उनके कथित देशद्रोह को लेकर कई सवाल किए। एसएफएस कार्यकर्ताओं ने उसे घेर लिया। एबीवीपी के वहां मौजूद कार्यकर्ताओं सजल कंबोज, अक्षत जैन, पंकज सिंह रावत, वंदना व शिखा ने भी सुरक्षा कर्मियों को दुष्कर्मी कहे जाने पर एतराज जताया। उन्होंने सवाल उठाया कि कश्मीर कैसे भारत का हिस्सा नहीं है? मौके पर इस दौरान तनाव पैदा हो गया। एक मर्तबा तो लगा कि कहीं ये तकरार व बहसबाजी हाथापाई में तबदील न हो जाए। एसएफएस नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान आरोप लगाया कि स्टूडेंट्स, टीचर व पत्रकारों पर एबीवीपी के हुड़दंगियों ने जिस तरीके से हमला किया, उसकी सख्त शब्दों में आलोचना होनी चाहिए। एसएफएस नेताओं ने बताया कि लिटरेरी सोसायटी ऑफ रामजस कॉलेज की ओर से आयोजित प्रोग्राम में उमर खालिद को उसके पीएचडी टॉपिक दी वॉर इन दी ट्राइबल एरियाज विषय पर विचार रखने को बुलाया गया था। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने संबोधन करने वाले व उसके विषय को देशविरोधी करार देकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। एबीवीपी के हुड़दंगियों ने सेमिनार के दौरान पत्थर फेंके, जिसकी वजह से सेमिनार को रद करना पड़ा। बुधवार को भी एबीवीपी के हुड़दंगियों ने रामजस कॉलेज के टीचर व स्टूडेंट्स पर पथराव किया, जो विरोध मार्च निकाल रहे थे। इस गुंडागर्दी का पत्रकार भी शिकार बने। इसी गुंडागर्दी के खिलाफ एसएफएस ने शनिवार को ये विरोध प्रदर्शन किया। स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन पीएसयू (ललकार) व कुछ फैकल्टी मेंबरों ने भी एबीवीपी की हुल्लड़बाजी को लेकर विरोध किया।


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