पीयू के कंस्ट्रक्शन घोटाले की खुलेंगी परतें
पंजाब यूनिवर्सिटी में 16 साल में कंस्ट्रक्शन का जो काम हुआ, उसकी पूरी जांच की जाएगी
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में 16 साल में कंस्ट्रक्शन का जो काम हुआ, उसकी पूरी जांच की जाएगी ताकि इसको लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया जा सके। डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन प्रो. दिनेश गुप्ता की अगुवाई में कमेटी गठित कर दी गई है जो यह देखेगी कि कौन सी कंस्ट्रक्शन में घटिया सामग्री प्रयोग हुई।
इस कमेटी में पूर्व डीयूआइ प्रो. एके भंडारी को को-कनवीनर बनाया गया है। चंडीगढ़ आर्किटेक्चरल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. रजनीश वत्स, सिंडिकेट सदस्य प्रो. रविंद्रनाथ और पंजाब इंजीनिय¨रग कॉलेज के एक सिविल इंजीनियर एक्सपर्ट को शामिल किया जाएगा। इसके लिए पेक के डायरेक्टर प्रो. मनोज दत्ता को पत्र लिखा जाएगा। इस मामले में जो भी शिकायत देना चाहे या कुछ बताना चाहे, वह कमेटी के सामने अपनी राय रख सकता है। शनिवार को हुई सिंडीकेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
सालाना फीस की जगह दो किस्तों में करना होगा भुगतान
हॉस्टलों में दो फीसद फीस बढ़ाने के मुद्दे पर भी मुहर लग गई। अब स्टूडेंट्स को हर माह या सालाना फीस देने के बजाय दो किस्तों यानी सेमेस्टर में फीस देनी होगी। इस मामले पर बनी कमेटी की रिपोर्ट मीटिंग में पेश की गई जिस पर सिंडीकेट ने मुहर लगा दी। हॉस्टलों में होने वाले निर्माण को लेकर अलग से फंड बनाया जाएगा ताकि यहां रूटीन का काम इस पैसे से निपटाया जा सके। अब तक इसके लिए कोई अलग से फंड नहीं है। हॉस्टलों की इनकम को लेकर विवाद बना था जिसके बाद हॉस्टल की रकम को अब बजट में शामिल करना शुरू कर दिया गया है। यानी अब पीयू ने इस इनकम को यूजीसी व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को बताना शुरू कर दिया है जिसे पहले नहीं बताया जाता था।
पीएचडी में दाखिले के नियम तय करेगी नई कमेटी
यूजीसी की ओर से पीएचडी में दाखिले के नियमों को बदले जाने को लेकर भी कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में प्रो. नवदीप गोयल, प्रो. पैम राजपूत और प्रो. दलीप कुमार को शामिल किया गया है। इस मामले में कुछ संस्तुतियां डीयूआइ की अगुवाई में बनी कमेटी ने दी थीं जिसे यह कमेटी रिव्यू करेगी। कॉलेज व विश्वविद्यालयों के टीचरों में पीएचडी करने को लेकर जो अलग-अलग नियम थे, उन्हें एक करने की ओर कदम उठाए जाएंगे। जिन्होंने पहले ही एमफिल कर रखी है और एमफिल में दाखिले का एंट्रेंस टेस्ट पास कर रखा है, उन्हें पीएचडी में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करने से छूट मिलेगी। पीएचडी करने के लिए एक तय समय सीमा फिक्स की जाएगी।
डेंटल कॉलेज की फैकल्टी की प्रमोशन तय करेगी कमेटी
यूनिवर्सिटी के डेंटल कॉलेज में फैकल्टी के प्रमोशन को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी में व¨रदर गिल, प्रो. नवदीप गोयल और प्रो. दलीप कुमार को शामिल किया गया है जो तमाम औपचारिकताएं देखकर व डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुरूप फैकल्टी के अनुभव आदि को ध्यान में रखकर प्रमोशन की नई पॉलिसी तैयार करेंगे।
फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट मामले में अब होगी सख्ती
स्टूडेंट्स द्वारा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाए जाने पर अब पीयू प्रशासन सख्ती करेगा। जो स्टूडेंट फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराएंगे और सीएमओ की जांच में अगर ये फर्जी पाए गए तो उन्हें अगले सत्र से एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाएगा। न ही इन स्टूडेंट्स को कक्षाएं लगाने दी जाएंगी। यूनिवर्सिटी के पास काफी समय से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराए जाने की शिकायतें आ रही थीं। स्पोर्ट्स कैटेगरी के स्टूडेंट्स, गर्भवती छात्राओं, बीमार स्टूडेंट्स, घर में जरूरी काम (शादी या मौत) या चोट लगने आदि पर कितने दिन की लेक्चर रिलेक्सेशन मिलेगी यह सब तय कर दिया गया है। सिंडिकेट में डीयूआइ की ओर से जमा कराई गई रिपोर्ट में सबकुछ शामिल किया गया है।