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कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले, सिंघू बार्डर पर हुई हिंसा की हो जांच, लोग सुरक्षा घेरा तोड़ कैसे पहुंचे किसानों तक

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिंघू बार्डर पर हुई हिंसा की निंदा की है। कैप्टन ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि पुलिस सुरक्षा घेरा तोड़कर कुछ लोग किसानों तक कैसे पहुंच गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 08:14 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 08:25 PM (IST)
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को सिंघू बार्डर पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की है। कहा कि केंद्र सरकार उन स्थानीय निवासियों की पहचान करनी चाहिए जो सुनियोजित तरीके से पुलिस सुरक्षा घेरा तोड़कर किसानों तक पहुंच गए। सीएम ने पूछा क्या यह सचमुच स्थानीय निवासी थे? उन्होंने इस बात की तह तक जांच करने के लिए कहा कि यह हुल्लड़बाज कौन थे और कहांं से आए थे।

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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह विश्वास नहीं कर सकता कि स्थानीय लोग किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर सकते हैं। हुल्लड़बाजों को गड़बड़ी फैलाने के इरादे से किसी अन्य जगह से लाया गया लगता है।’‘ उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों की तरफ से किसानों को गद्दार कहा जाना, इस बात के सत्य होने संबंधी वह विश्वास ही नहीं कर सकते।

लाल किले पर हुई हिंसा के मद्देनजर किसानों के खिलाफ शुरू की गई बदनाम करने की मुहिम को तुरंत खत्म करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को इसी ढंग से बदनाम किया जाता रहा तो इससे हमारी सुरक्षा सेनाएं, जिनमें पंजाबियों की संख्या 20 प्रतिशत है, का मनोबल टूट जाएगा। उन्होंने अन्य को भी सावधान करते हुए कहा कि किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार करने से फूट पड़ सकती है, जिससे पंजाब के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। उन्होंने मीडिया को भी स्थिति के साथ संजीदगी और सही ढंग से निपटने की अपील की।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो कुछ हो रहा और जो कुछ आज सिंघू बार्डर पर हुआ, ऐसा सब कुछ ही है जो पाकिस्तान चाहता है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से ही इस बात को कह रहे हैं कि पाकिस्तान पंजाब में शांति खत्म करने की तलाश में है। कैप्टन ने कहा कि गृह मंत्री को उन्होंने बताया भी था कि पाकिस्तान से हथियार, नशे आदि ड्रोनों के द्वारा आ रहे हैं। इनमें से बहुत से पकड़े भी गए और कुछ पार भी हो गए होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को किसान आंदोलन के दौरान हुई ताजा गड़बड़ और हिंसा में पाकिस्तान की संभावित भूमिका की जांच करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ-साथ केंद्र सरकार को समस्या के हल के लिए बातचीत का रास्ता जारी रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘मैं अब तक इस मसले को सुलझा देता।’ उन्होंने कहा कि मसले के हल के लिए दोनों पक्षों को दोस्त के तौर पर बात करनी चाहिए, न कि दुश्मन के तौर पर। उन्होंने कहा कि इसका सही रास्ता निकालने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के दौरान पंजाब बहुत बुरे समय में से गुजरा है, अब कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने किसानों को गलत नाम के साथ पेश करने वालों की सख्त निंदा की। उन्होंने कहा कि लोगों की विभिन्न विचारधाराएं हैं, परन्तु आप किसानों को वामपंथी, माओवादी, नक्सली और खालिस्तानी के नामों के साथ नहीं जोड़ सकते।

किसानों के आंदोलन के पीछे उनका (कैप्टन अमरिंदर सिंह) हाथ होने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन ने कहा ‘यह दुखदायी है कि भाजपा यह समझने की कोशिश किए बगैर ऐसे आरोप लगा रही है कि वास्तव में किसान नाराज क्यों हैं, वह यह कानूनों क्यों नहीं चाहते।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे पास छोटे किसान हैं और एमएसपी या आढ़तिया प्रणाली के खत्म होने से उनको भारी नुकसान बर्दाश्त करना पड़ेगा।’

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के किसानों की मानसिकता को नहीं समझ रही। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे पंजाब के किसानों ने आंदोलन का नेतृत्व किया परन्तु अब यह आंदोलन देश भर में फैल गया है। मुख्यमंत्री कहा कि वह और उनकी सरकार और पार्टी किसानों के साथ खड़ी है, इसी कारण उन्होंने राज्य में अपने बिल पास किए।


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