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पंजाब में बिजली संकट, कैप्टन अमरिंदर सिंह की किसानों से अपील- रेलवे ट्रैक पूरी तरह से खाली करें

पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही बंद होने से कोयला नहीं आ रहा इससे बिजली संकट पैदा हो गया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वह रेलवे ट्रैक पूरी तरह से खाली कर दें ताकि मालगाड़ियों के साथ यात्री गाड़ियों की आवाजाही हो सके।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 07:33 AM (IST)
पंजाब में बिजली संकट, कैप्टन अमरिंदर सिंह की किसानों से अपील- रेलवे ट्रैक पूरी तरह से खाली करें
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

जेएनएन, पटियाला/चंडीगढ़। किसान आंदोलन के कारण पंजाब में मालगाड़ियों का संचालन नहीं होने से सूबे में बिजली संकट गहरा गया है। बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पावरकाम 80 फीसद बिजली अन्य राज्यों की बिजली कंपनियों व निगमों से ले रहा है। यह स्थिति उस वक्त है, जब पावरकाम पर कृषि क्षेत्र को छह घंटे बिजली उपलब्ध करवाने का बोझ नहीं है। कृषि क्षेत्र में चार घंटे कट लग रहे हैं। इसके बावजूद कई क्षेत्रों में बिजली के कट लगाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान संगठनों से राज्य में यात्री गाड़ियां चलाने की इजाजत देने के लिए रेल रोको आंदोलन को पूर्ण तौर से रद करने अपील की है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों को केंद्र की तरफ से उनको दिए बातचीत के बुलावे को ध्यान में रखने के साथ-साथ सैनिकों समेत लाखों पंजाबियों को पेश आ रही मुश्किलों पर भी गौर करना चाहिए, क्योंकि हमारे फौजियों समेत बड़ी संख्या में पंजाबी राज्य में रेल यातायात बंद होने के कारण दीवाली के त्योहार पर अपने घर लौटने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि रेल रोकने को हटाने से इन सैनिकों और अन्यों को अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने में सहायता मिलेगी।

पंजाब में 4836 मेगावाट बिजली की मांग

पावरकाम सेंट्रल कंट्रोल रूम के अनुसार सोमवार को राज्य में 4836 मेगावाट बिजली की मांग थी। इसकी तुलना में राज्य ने कुल 908 मेगावाट बिजली का उत्पादन खुद किया, जबकि 3928 मेगावाट बिजली अन्य राज्यों की बिजली कंपनियों से प्राप्त की है। कोयला संकट के कारण राज्य के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सभी पांच थर्मल पावर प्लांटों में बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद है। पंजाब इस वक्त बिजली के लिए बीबीएमबी, राष्ट्रीय पनबिजली निगम और नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन से बिजली हासिल कर रहा है।

बिजली संकट का असर कृषि पर 

बिजली संकट का सबसे अधिक असर कृषि क्षेत्र पर ही पड़ा है। पावरकाम ने कृषि क्षेत्र को दी जाने वाली छह घंटे बिजली सप्लाई में चार घंटे का कट लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि, फिलहाल इसका कोई ज्यादा असर सब्जी उत्पादकों पर नहीं दिख रहा है, लेकिन ज्यादा दिन हालात ऐसे बने रहे तो इसका विपरीत असर पड़ेगा। इसके अलावा कंडी इलाके में भी पावरकाम ने करीब डेढ़ घंटे का बिजली कट लगाना शुरू कर दिया है। 


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