पीजीआइ में ओटी टेक्नीशियनों की हड़ताल से टले कई बड़े आपरेशन
चंडीगढ़ पीजीआइ में ओटी टेक्नीशियनों की हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके कारण कई बड़े आपरेशन नहीं हो पाए।
जेएनएन, चंडीगढ़। पीजीआइ में ओटी टेक्नीशियनों की हड़ताल के चलते मंगलवार को कई बड़े आपरेशन टल गए। कई छोटे आपरेशन जरूर हुए, लेकिन उनमें भी बहुत देरी हुई। इसकी वजह से नेहरू अस्पताल की चौथी व पांचवी मंजिल पर मौजूद मरीजों व उनके परिजनों को बहुत दिक्कत झेलनी पड़ी। पीजीआइ प्रशासन का दावा है कि हड़ताल के चलते सर्जरियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। पीजीआइ प्रशासन ने बीएससी के स्टूडेंट्स को कुछ आपरेशन थियेटरों में तैनात कर दिया था ताकि जरूरी सर्जरियां निपटाई जा सकें।
पीजीआइ में रोजाना 450 से 500 के बीच छोटी-बड़े आपरेशन होते हैं। इनमें करीब 250 आपरेशन बड़े होते हैं। रात से ड्यूटी पर चल रहे ओटी टेक्नीशियन सुबह सवा सात बजे से ही हड़ताल पर चले गए। सुबह 8 बजे की शिफ्ट वाले ओटी टेक्नीशियन भी आपरेशन थियेटरों में नहीं पहुंचे। सुबह की जिनकी सर्जरी तय की गई थी वह ओटी टेक्नीशियनों के न पहुंचने की वजह से लेट हो गई।
बता दें कि ओटी टेक्नीशियन आपरेशन थियेटर में सर्जरी करने वाले डाक्टरों की मदद करते हैं। एनेस्थीसिया से लेकर अन्य सभी उपकरण देने का जिम्मा इन्हीं का होता है। ओटी टेक्नीशियनों के हड़ताल पर जाने की वजह रही बिक्रम नाम के ओटी टेक्नीशियन की ट्रॉमा के ओटी में डाक्टर आशीष ने पिटाई कर दी। आरोप है कि उसे थप्पड़ मारे व गले से पकड़ कर घसीटा गया।
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सुबह डायरेक्टर के साथ हुई थी मीटिंग
सुबह पौने दस बजे डायरेक्टर प्रो. सुभाष वर्मा ने ओटी टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मंगलेश, कैशियर मनोज सहित कुछ अन्य नुमाइंदों को बातचीत के लिए बुलाया था। एसोसिएशन के सदस्यों के सदस्यों की मांग थी कि आरोपी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि अब चार सदस्यीय कमेटी अपनी रिपोर्ट भी सौंप चुकी है लेकिन बावजूद इसके पीजीआइ प्रशासन कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। इसके बाद बातचीत का क्रम टूट गया और ओटी टेक्नीशियन डायरेक्टर आफिस के बाहर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की।
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