पाच में से एक महिला पॉलिसिस्टिक ओविरियन सिंड्रोम से पीड़ित
जागरण संवाददाता, मोहाली : मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शनिवार को एक नए पॉलिसिस्टि
जागरण संवाददाता, मोहाली : मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शनिवार को एक नए पॉलिसिस्टिक ओविरियन डिजीज क्लीनिक की शुरुआत की गई। अस्पताल की एसोसिएट डायरेक्टर ऑबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनोकोलॉज डॉ. कामना नागपाल ने बताया कि पॉलिसिस्टिक ओविरियन (डी बग्रंथि) सिंड्रोम, महिलाओं में पाया जाने वाला सबसे आम हार्मोनल विकार है। इसमें ओवरीज में अंडों को रिलीज नहीं किया जाता है, लेकिन उनकी ओवरीज में छोटे-छोटे सिस्ट पनपने लगते है। पीसीओएस अनुवाशिक और बाहरी कारणों से हो सकते है और ये हमारी जीवनशैली से भी प्रभावित होते हैं।
डॉ. कामना ने बताया कि विभिन्न स्टडीज से सामने आया है कि भारत में प्रत्येक पाच महिलाओं में से एक पीसीओएस से प्रभावित है। महिलाओं की आबादी में इनकी दर 22.5 प्रतिशत तक के अत्याधिक स्तर पर है। यह दर ग्रामीण आबादी की बजाए शहरी आबादी में काफी अधिक है। डॉ. एसके माथुर, डायरेक्टर-एंडोक्रिनोलॉजी ने कहा कि पीसीओएस में महिला हार्मोन में असंतुलन और पुरुष हार्मोन्स पनपनेलगते है। सामान्य तौर पर ओवरी में पुरुष हार्मोन की मात्रा काफी कम होती है, लेकिन पीसीओएस में पुरुष हार्मोन्स का उत्पादन बढ़ने लगता है और परिणामस्वरूप मरीज को पीसीओएस होने लगते है।
---
यह पड़ता है प्रभाव
डॉ. माथुर ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप मुंहासे, चेहरे और शरीर पर बाल और मोटापा बढ़ने लगता है। इस प्रक्रिया में अंडों के निर्माण पर दबाव के चलते मासिक धर्म अनियमित हो जाता है और अप्रजनन की परिस्थिति बन जाती है। अगर इस स्थिति में गर्भाधारण हो जाए तो गर्भपात का खतरा भी हो जाता है। साथ ही गर्भावस्था संबंधित जटिलताएं भी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इन रोगों के लंबी अवधि तक बने रहने पर कई अन्य समस्याएं भी सामने आती है। अनिद्रा, लिपिड प्रोफाइल में विकार, एंडोमेट्रियल कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।