ठेकों को बंद करने के प्रशासन के नोटिस पर रोक जारी
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में होने का हवाल
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में होने का हवाला देकर ठेकों को बंद करने के यूटी प्रशासन के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उपलब्ध न होने के चलते फैसला नहीं हो सका। याचिका में 500 मीटर की दूरी कैसे मापी जाए इसे मुद्दा बनाया गया है। क्योंकि यूटी प्रशासन ने एरियल दूरी को आधार बनाकर ठेकों को बंद करने का नोटिस दिया था जिसपर हाईकोर्ट रोक लगा चुका है। अब अगली सुनवाई 17 सितंबर तय की गई है और तब तक यह मामला लटक गया है। इसी बीच याचिकाकर्ता के वकील ने पंजाब सरकार की उस अधिसूचना की कापी भी कोर्ट में रखी जिसके तहत हाईवे पर होटल आदि को शराब सर्व करने की छूट दी गई है।
मामले में याचिका दाखिल करते हुए ठेका मालिकों ने कहा था कि नेशनल और स्टेट हाईवे से 500 मीटर दूरी तक कोई भी शराब का ठेका खोलने पर सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगाई है। इन आदेशों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है और यह नहीं तय हो पा रहा है कि 500 मीटर की दूरी को मापने के लिए कौन सा पैमाना इस्तेमाल किया जाए। प्रशासन के सामने एरियल डिस्टेंस या सड़क के जरिये इस गणना को लेकर दुविधा की स्थिती बनी है।
ठेकेदारों की यह है दलील
प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तहत ही वर्ष 2017-18 की एक्साइज पालिसी बनाई है। इसी पालिसी के तहत पहले उन्हें ठेका दे दिया था। याचिकाकर्ताओं ने पालिसी की शर्तो के तहत ही उन्होंने अप्रैल माह में करोड़ों की लाइसेंस फीस भी जमा करवा दी थी। एक याचिकाकर्ता ने बताया कि मध्यमार्ग नेशनल हाईवे है। ऐसे में यहां किसी को भी लाइसेंस नहीं दिया गया, लेकिन याचिकाकर्ताओं को सेक्टर-7 और 8 की इंटरनल मार्किट में ठेका अलॉट किया गया था। अगर सड़क के जरिए यहा की मध्य मार्ग से दूरी मापी जाए तो यह 500 मीटर से अधिक है, लेकिन एरियल या हवाई रस्ते के इसकी दूरी 464 मीटर हो जाती है।