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पंजाब में ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र को लिखा पत्र

पंजाब में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा। राज्य मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर पंजाब का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की मांग की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 11:31 AM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 11:31 AM (IST)
पंजाब में ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र को लिखा पत्र
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन दो दिन के भीतर गत दिवस दूसरी बार पत्र लिखकर पंजाब के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने मुख्य सचिव विनी महाजन को निर्देश दिए कि वह केंद्र सरकार के समक्ष जरूरी सप्लाई की पैरवी करें और पंजाब में दिल्ली व अन्य राज्यों के कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने की मांग करती रहें।

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कैप्टन ने उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शेखर को हर चार घंटे में राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति की रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए। अपने पत्र में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के लिए रोजाना कम से कम 250 टन तक तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की सप्लाई बढ़ाने की मांग की गई थी लेकिन इसके बावजूद नए वितरण के मुताबिक पंजाब का कोटा नहीं बढ़ाया गया।

उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए पंजाब के लिए तरल ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाकर रोजोना 250 टन तक करने के लिए केंद्रीय सेहत मंत्री तुरंत दखल दें, क्योंकि केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल, 2021 को जारी एलएमओ के नए वितरण में पंजाब का कोटा नहीं बढ़ाया है। इसके विपरीत कर्नाटक (167 फीसद), तेलंगाना (20 फीसद) व राजस्थान (29 फीसद) सहित कुछ अन्य राज्यों का कोटा बढ़ा दिया गया है।उन्होंने कहा कि इस समय केंद्रीय पूल से पंजाब को रोज 105 टन ऑक्सीजन अलाट की गई है। इसमें स्थानीय 60 टन का उत्पादन शामिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए 180 से 200 मिट्रिक टन और गैर कोरोना मरीजों के लिए करीब 50 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। अगले दो सप्ताह में यह जरूरत 250 से 300 टन तक और बढ़़ने की उम्मीद है। राज्य में सरकारी और निजी स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन के भंडारण की क्षमता करीब 370 टन है।


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