स्मार्ट सिटी के नाम पर धोखा, लोगों को नहीं मिल रही सुविधाएं Chandigarh News
स्मार्ट सिटी के नाम पर बीते चार सालों में ग्राउंड लेवल पर कुछ नहीं हुआ। शहर के कई सेक्टर ऐसे हैं जहां पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं है।
चंडीगढ़, जेएनएन। फासवेक की मीटिंग में इस बार स्मार्ट सिटी का मुद्दा अहम रहा। स्मार्ट सिटी को लेकर प्रशासन की ओर से लगातार किए जा रहे दावों को फासवेक के मेंबर्स ने खोखला ठहराया। मेंबर्स ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बीते चार सालों में ग्राउंड लेवल पर कुछ नहीं हुआ। लोगों को अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
शहर के कई सेक्टर ऐसे हैं जहां पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं है। शहर की सड़कों का बुरा हाल है। मेंबर्स ने मीटिंग में यह मुद्दा उठाया कि प्रशासन ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए कंपनी तो बना दी। लेकिन शहर में एक भी ऐसा प्रोजेक्ट अब तक पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ा है। जिससे लोगों को फायदा हो सके। ऊपर से लोगों पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगाकर शहरवासियों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। रविवार को फासवेक की मीटिंग सेक्टर-19 के कम्युनिटी सेंटर में हुई। इस मीटिंग की अध्यक्षता अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू ने की। बैठक में विभिन्न आरडब्ल्यूए के संघ के सदस्यों ने भाग लिया।
लोगों पर थोपे जा रहे हैं टैक्स
इस दौरान जनरल सेक्रेटरी जीएस गोगिया ने कहा कि प्रशासन शहर के लोगों पर कर लगा रहा है। जैसे बिजली शुल्क में वृद्धि, सीवरेज कर विभिन्न प्रकार के उपकर ऐसे में लोग आर्थिक बोझ से जूझ रहे हैं। मनीमाजरा के रहने वाले कर्नल गुरसेवक सिंह ने मीटिंग में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि शहर में ब्यरोक्रेसी हावी होती जा रही है। जो प्रस्ताव व प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं। वह अफसरशाही के चलते सिरे नहीं चढ़ पाते हैं। इस दौरान सेक्टर-33 के रेजिडेंट जेएस सरपाल ने कहा कि शहर में आज सबसे बड़ी दिक्कत पानी की है। लोगों के घर में पानी की सप्लाई सहीं ढंग से नहीं हो रही है।
इसके अलावा मीटिंग में स्ट्रे डॉग, सेग्रीगेशन और प्लास्टिक बैन का मुद्दा उठा। मेंबर्स ने कहा कि नगर निगम अभी तक शहर में स्ट्रे डॉग की समस्या और सेग्रीगेशन को पूरे शहर में लागू नहीं कर सका है। वहीं मेंबर्स ने इस दौरान मीटिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन लगाने के प्रशासन के इस पहल का समर्थन किया। मीटिंग में मौजूद मेंबर्स ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने को लेकर लोगों को जागरूक कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया।
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