बेअंत सिंह हत्याकांड : वारदात में गाड़ी और विस्फोटक सामग्री का हुआ था इस्तेमाल
त मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड मामले की सुनवाई के दौरान कई खुलासे हुए। इसमें बताया गया कि वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली के नंबर की गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के मामले में विस्फोटक सामग्री और गाड़ी का इस्तेमाल हुआ था।
बुधवार को मामले की सुनवाई के लिए बुड़ैल जेल में लगी विशेष कोर्ट में सीबीआई के पूर्व एसपी एपी सिंह के बयान दर्ज किए गए। अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश बतौर गवाह पूर्व एसपी ने दर्ज बयानों में बताया कि तारा की 13 सितंबर 1995 को गिरफ्तारी की गई थी।
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इसके बाद 18 सितंबर को रिकर्ड किए गए बयानों में कबूला था कि उसने और उसके साथियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए गाड़ी और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया था। उसने बताया था कि उन्होंने 20 अगस्त को दिल्ली के नंबर पर आधारित अंबेसडर तीस हजार रुपये में खरीदी थी। परमजीत सिंह हवारा के निर्देशों पर वह चंडीगढ़ आया था।
इसके बाद वह हवारा और अन्य दो साथी दिलवार सिंह और बलवंत सिंह के साथ विस्टफोटक सामग्री खरीदने के लिए पटियाला के समीप गांव झिंगरा कलान गए थे, उन सभी ने मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रची थी।
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फिलहाल मामले की अगली सुनवाई के लिए आगामी 13 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है। कोर्ट ने डीएनए विशेषज्ञ डा. लाल जी और सीबीआई के डीएसपी रहे एके चंद्रा को बतौर गवाह पेश होने के लिए समन जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त जिला एवं न्यायधीश ने जेल ऑथारिटी को आदेश दिए है कि गृह मंत्री के दौरे की वजह से तारा को एमआरआई के लिए जेल से बाहर लेकर नहीं जाए, इसको लेकर नए सिरे से अर्जी दायर करें।