एसवाइएल पर कैप्टन-बादल में ठनी, अब कैप्टन ने दी बादल को चुनौती
पंजाब में एसवाइएल का मुद्दा फिर गरमा गया है। बादल के बाद अब कैप्टन ने उन्हें घेरा है। कहा कि वह बताएं कि एसवाइएल के लिेए जमीन अधिग्रहण के आदेश किसने दिए थे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक नहर शिअद व कांग्रेस में ठन गई है। गत दिवस मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा था कि वे बताएं कि एसवाइल को जब मंजूरी मिली थी तब किसकी सरकार थी। अब कैप्टन ने बादल को चुनौती दी है कि वह श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश होकर शपथ बताएं कि उनकी सरकार ने 1978 में एसवाइएल के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए आदेश नहीं दिए थे।
कैप्टन ने बादल को चुनौती दी है कि वह अपने नजदीकी मित्र रहे हरियाणा के पूर्व मुख्मयंत्री स्व. देवी लाल के शब्दों को गलत साबित करें, जिन्होंने हरियाणा विधानसभा में उनके संबंधों के बारे कहा था और एसवाइएल के निर्माण की दिशा में इसके प्रभाव का जिक्र किया था।
बादल के बयान कि वह एसवाइएल पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, पर टिप्पणी करते हुए कैप्टन ने एक बार दोहराया कि बादल ने ही 1978 में एसवाइएल हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की थी और अब एक बार फिर से बादल ने अपने संकीर्ण हितों के लिए जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट में एसवाइएल पर पंजाब के पक्ष को कमजोर किया है।
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उन्होंने खुलासा किया कि बादल अपनी दशकों के दौरान की गई गलतियों से बचना चाहते हैं और अब वह इस्तीफा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पंजाब के खिलाफ आदेश को एक बहाना बनाएंगे और उनको यकीन है कि इसी कारण उनकी सरकार ने राज्य का केस कमजोर किया है और सही तरीके से राज्य का पक्ष नहीं रखा गया।
फिक्स मैच खेल रहे हैं आप-अकाली
अमरिंदर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की भी गली के गुंडों की तरह व्यवहार करते हुए एक-दूसरे को गिरफ्तार करने की धमकियां देने और सियासी बयानबाजी को ऐसे निचले स्तर पर ले जाने के लिए निंदा की है।
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शुक्रवार को अमृतसर में केजरीवाल और मजीठिया द्वारा एक-दूसरे को दी गई धमकियों का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि इन्होंने गंभीर सियासी मुद्दे को गली के दो गुंडों के बीच छोटी सी लड़ाई का रूप दे दिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि ये दोनों फिक्स मैच खेल रहे हैं। यह अकालियों द्वारा आप को प्रमोट व मजबूत करने के लिए जानबूझ कर रची गई रणनीति प्रतीत होती है, जिनको गलतफहमी है कि इससे कांग्रेस का नुकसान हो सकता है। अकाली उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मजबूत आप कांगे्रस को नुकसान पहुंचाएगी ताकि ये दोबारा चुने जाएं।
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मजीठिया द्वारा व्यक्तिगत तौर पर केजरीवाल को सम्मन भिजवाने से साफ है कि वह आप के शर्मनाक हालातों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने लगातार नालायकियां करके अपने लिए हालात खराब कर लिए थे। यह साफ तौर पर लोगों का ध्यान भगवंत मान प्रकरण व आप के घोषणापत्र की नालायकी से हटाने और आप को दोबारा धारा में लाने हेतु की गई सहायता है।